सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर वासियों को दिवाली का बड़ा तोहफा देते हुए दिल्ली-नोएडा टोल को अगले आदेश तक फ्री रखने का आदेश दिया है. टोल कंपनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले डीएनडी टोल को फ्री करने का आदेश जारी किया था.
डीएनडी टोल पर इलाहाबाद HC का आदेश सही
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही माना है. कोर्ट ने कहा है कि डीएनडी टोल कंपनी के अकाउंट को सीएजी या किसी अन्य इंडिपेंडेंट ऑडिटर से चैक कराया जाएगा जिससे ये पता चलेगा कंपनी द्वारा कमाया गया प्रॉफिट पर्याप्त था या नहीं. कोर्ट 7 नवंबर को अकाउंट्स ऑडिट कराने का आदेश जारी करेगा और ऑडिट रिपोर्ट आने तक टोल पर कोई भी फीस नहीं ली जाएगी.
407 करोड़ के टोल पर अब तक 2200 करोड़ की वसूली
नोएडा टॉल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) ने फ्लाइओवर को बनवाया था. NTBCL की प्रमोटर कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विस लिमिटेड को 2031 तक इस फ्लाइओवर की देखरेख और संचालन का काम दिया गया था.
इलाहाबाद कोर्ट ने कहा था कि कंपनी यात्रियों से लागत से पांच गुना ज्यादा टैक्स ले चुकी है. ये फ्लाइओवर 407 करोड़ रुपये में बना जबकि कंपनी ने 2200 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्ट किया है.
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