नोटबंदी के बाद बैंक में बड़ी मात्रा में जमा हुई राशि के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रविवार को अपनी बेंचमार्क लेंडिंग रेट में 0.9 फीसदी की कटौती की घोषणा की. मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 90 बेसिक अंकों की कटौती की गई है.
एमसीएलआर के 100 बेसिक अंक एक फीसदी इंटरेस्ट रेट के बराबर होते हैं.
बैंक इसी एमसीएलआर के आधार पर लोन रेट तय करती हैं. इस रेट को साल में सिर्फ एक बार ही बदला जा सकता है.
लोन रेट घटा
एसबीआई ने एक दिन के कर्ज के लिए ब्याज दर 8.65 प्रतिशत से घटाकर 7.75 प्रतिशत कर दी है. एक महीने के कर्ज के लिए ब्याज दर 7.85 फीसदी, तीन महीने के कर्ज के लिए 7.9 फीसदी और छह महीने के कर्ज के लिए ब्याज दर 7.95 फीसदी कर दिया गया है.
सालाना लोन रेट 8.9 फीसदी से घटाकर 8.0 फीसदी किया गया. नया इंटरेस्ट रेट रविवार से लागू कर दिया गया है.
एक अनुमान के आधार पर आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से बैंकों में 14.9 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि एसबीआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में बैंकों से गरीबों, निम्न मध्यम वर्गो और मध्यम वर्गो के हित में काम करने का आह्वान करने के अगले ही दिन ब्याज दर में इस कटौती की घोषणा की है.
दूसरे बैंकों ने भी की कटौती
पीएनबी ने भी एक साल के एमसीएलआर में 0.7 फीसदी की कटौती की है. अब यह 8.45 फीसदी होगा. इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर को 0.65 फीसदी घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है. माना जा रहा है कि बाकी बैंक भी ऐसे कदम उठा सकते हैं.
सरकार के स्वामित्व वाली आईडीबीआई बैंक ने भी रविवार को अपने एमसीएलआर में 30-60 बेसिक अंकों की कटौती की घोषणा की है.
आईडीबीआई बैंक ने कहा कि विभिन्न लोन टेन्योर के लिए एमसीएलआर के बेसिक अंकों में 30 से 60 अंकों की कटौती की गई है, जो रविवार से लागू कर दिया गया है.
नए रेट्स का फायदा नए ग्राहकों को मिलेगा, जबकि पुराने कस्टमर्स लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद नए एमसीएलआर रेट पर शिफ्ट हो सकते हैं. लॉक इन पीरियड लोन एग्रीमेंट के हिसाब से एक महीने से तीन साल तक का हो सकता है.
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