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‘BSF जवान तेज बहादुर अच्छा इंसान, लेकिन फोर्स के लिए ठीक नहीं’

जवान तेज बहादुर यादव से सभी अधिकारी परेशान थे, दो महीने पहले उसने वीआरएस के भी अप्लाई किया था

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तेज बहादुर एक अच्छा इंसान है जो समाजिक कार्य के लिए बिल्कुल फिट है लेकिन वह बीएसएफ के लिए फिट नहीं है.
सीनियर बीएसएफ अधिकारी

यह शब्द उसी बीएसएफ अधिकारी के हैं जिसने जवान तेज बहादुर के खिलाफ उस वक्त जांच कराई थी, जब आठ साल पहले उसने अपने कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) को थप्पड़ जड़ दिया था. सोमवार को उसी जवान तेज बहादुर ने फेसबुक पर एक के बाद एक तीन वीडियो डाले, जोकि देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.

वीडियो में बीएसएफ जवानों को खराब खाना देने की बात कही गई है. साथ ही बीएसएफ के सीनियर अफसरों पर जवानों का राशन बेच खाने का गंभीर आरोप लगाया गया है.

दस दिन पहले ही तेज बहादुर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पूंछ जिले के बीच एलओसी पर तैनात किया गया था.

बीएसएफ के सीओ के साथ बदतमीजी करने के मामले की जांच के बाद तेज बहादुर यादव को सजा दी गई थी और उसे 89 दिनों के लिए बीएसएफ हेडक्वार्टर भेजा गया था. यादव ने अपने अफसर को थप्पड़ इसलिए जड़ा था, क्योंकि वह अपने अफसर के काम करने के तरीके से खुश नहीं था. बीएसएफ के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, यादव को लगता है कि सभी अफसर भ्रष्ट और गद्दार होते हैं.

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वह बीएसएफ में राम राज्य चाहता है. वह अधिकारियों को सुधारना चाहता है जो कि असलियत में संभव नहीं है. वह कमांडोज के साथ भी ठीक से बात नहीं करता. हमेशा सवाल करता रहता है, यही वजह है कि कोई भी सीओ उसे अपनी बटालियन में नहीं रखना चाहता है.
सीनियर बीएसएफ अधिकारी

‘खाना और लंबे समय की ड्युटी’

सीनियर अफसर ने कहा कि, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि तेज बहादुर लंबे समय तक ड्युटी करता था और कभी कभी 11 घंटे से भी अधिक. लेकिन यह सिर्फ उसी के साथ नहीं बल्कि दूसरे जवानों के साथ भी यही समस्या है. उन्होंने कहा कि ये ड्यूटी के लिए जरूरी होता है, इसमें शोषण जैसा कुछ भी नहीं है.

यह अच्छी बात है कि तेज बहादुर ने कुछ समस्याएं लोगों के सामने उजागर कर दी हैं, जोकि केवल बीएसएफ ही नहीं बल्कि पैरामिट्री फोर्स भी झेलती है. कम से कम अब सरकार सिक्योरिटी फोर्सेज के हालतों की जांच करेगी.
सीनियर बीएसएफ अधिकारी

तेज बहादुर की ओर से वीडियो जारी कर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सरकार ने पहले ही एक टीम का गठन कर दिया है. जल्द ही इस मामले की जांच कर रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी जाएगी.

मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से जांच की जाएगी. डीआईजी रैंक के ऑफिसर जम्मू-कश्मीर पहुंच चुके है. असलियत जल्द ही सामने आएगी.
बीएसएफ प्रेस रिलीज

तेज बहादुर ने दो महीने पहले मांगा रिटायरमेंट

जवान तेज बहादुर ने साल 1996 में बीएसएफ ज्वाइन किया था. पिछले 20 सालों में उसे चार बार बड़ी सजा भुगतनी पड़ी है. बिना छुट्टी के गायब रहना, ड्युटी के समय दारू पीना, अनुशासनहीनता और अधिकारियों को गाली देने जैसे मामलों को लेकर तेज बहादुर को सजाएं मिलती रहीं हैं.

इसी तरह की अनुशासनहीनता के मामले में उसे 89 दिनों के लिए कैद में बीएसएफ हैडक्वार्टर भेजा गया था. यह उसका चौथा दंड था. इस मामले के बाद उसे बटालियन हैड क्वार्टर पर पौधा लगाना, बगीचे में पानी देना जैसा काम दे दिया गया है. वह पिछले 8 सालों से इसी तरह का काम कर रहा था. 10 दिन पहले ही उसे एलओसी पर भेजा गया था.

अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब उसने वीआरएस के लिए अप्लाई किया था और आठ सालों से गार्डनिंग का काम कर रहा था, तो अचानक एलओसी पर क्यों भेज दिया गया ?

जब बीएसएफ अधिकारी तेज बहादुर के व्यहार के बारे में जानते थे, तो उन्होंने उसका मानसिक परीक्षण क्यों नहीं कराया? क्यों जानने की कोशिश नहीं की गई कि वह नौकरी के लिए फिट है या नहीं? 
सीनियर बीएसएफ अधिकारी

तेज बहादुर के वीडियो ने देश के जवानों को दिए जाने वाले खराब खाने की पोल खोल दी है. इस समय सरकार को तेज बहादुर के निजी मामले पर ध्यान न देकर, जवानों को दी जाने वाली सुविधाओं को सुधारना के लिए ध्यान देना चाहिए.

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