ADVERTISEMENTREMOVE AD

DMK की मांग- जल्लीकट्टू के लिए तुरंत अध्‍यादेश लाए केंद्र सरकार

शनिवार को होना है जल्लीकट्टू का आयोजन, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी

Published
भारत
1 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जल्लीकट्टू पर फैसला जल्‍दी सुनाने की मांग ठुकराये जाने के बीच डीएमके ने शुक्रवार को केन्द्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्यव्यापी आंदोलन कर रही है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि जल्लीकट्टू पोंगल उत्सव का अभिन्न हिस्सा है.

स्टालिन ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुमति न मिलने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए तत्काल एक अध्यादेश लाने और राज्य सरकार से अध्यादेश को लागू कराने की अपील की है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक मिश्रा और आर भानुमति की पीठ ने फैसले का अनुरोध करने वाले वकीलों के एक समूह से कहा था कि पीठ से आदेश पारित करने का अनुरोध करना अनुचित है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फैसले का मसौदा तैयार हो चुका है, लेकिन शनिवार से पहले इसे सुनाना संभव नहीं है. वहीं शनिवार को ही जल्लीकट्टू कार्यक्रम का आयोजन होना है.

क्या है जल्लीकट्टू?

जल्लीकट्टू पोंगल त्योहार का ही एक हिस्सा है. जल्लीकट्टू खेल में सांड को काबू किया जाता है. सांड को काबू में करने वाले व्यक्ति को एक निश्चित दूरी या सांड के तीन बार उछलने तक उसकी पीठ पर बने रहना होता है. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×