सुप्रीम कोर्ट की ओर से जल्लीकट्टू पर फैसला जल्दी सुनाने की मांग ठुकराये जाने के बीच डीएमके ने शुक्रवार को केन्द्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्यव्यापी आंदोलन कर रही है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि जल्लीकट्टू पोंगल उत्सव का अभिन्न हिस्सा है.
स्टालिन ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुमति न मिलने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए तत्काल एक अध्यादेश लाने और राज्य सरकार से अध्यादेश को लागू कराने की अपील की है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक मिश्रा और आर भानुमति की पीठ ने फैसले का अनुरोध करने वाले वकीलों के एक समूह से कहा था कि पीठ से आदेश पारित करने का अनुरोध करना अनुचित है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फैसले का मसौदा तैयार हो चुका है, लेकिन शनिवार से पहले इसे सुनाना संभव नहीं है. वहीं शनिवार को ही जल्लीकट्टू कार्यक्रम का आयोजन होना है.
क्या है जल्लीकट्टू?
जल्लीकट्टू पोंगल त्योहार का ही एक हिस्सा है. जल्लीकट्टू खेल में सांड को काबू किया जाता है. सांड को काबू में करने वाले व्यक्ति को एक निश्चित दूरी या सांड के तीन बार उछलने तक उसकी पीठ पर बने रहना होता है. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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