गलती से एलओसी पार कर पाकिस्तान चले जाने वाले भारतीय जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है. पाकिस्तान ने शनिवार को चंदू को बाघा बॉर्डर पर इंडियन एजेंसी के हवाले कर दिया.
चंदू 29 सितंबर, 2016 को भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक बाद गलती से नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान चले गए थे.
जम्मू-कश्मीर के मेंढर में 37 राष्ट्रीय राइफल्स की चौकी पर तैनात 22 साल के चंदू महाराष्ट्र के धुले जिले के रहने वाले हैं.
भारत चंदू की रिहाई के लिए लगातार पाकिस्तान के संपर्क में था. जवान की घर वापसी के लिए भारत ने डीजीएमओ लेवल पर पाकिस्तान से 20 से ज्यादा बार बातचीत की थी.
पाकिस्तानी सेना का बयान
चंदू की रिहाई को लेकर पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी किया है.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई (आइएसपीआर) के जारी बयान के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में तैनात सिपाही चव्हाण 'वरिष्ठ अधिकारियों के गलत व्यवहार से नाराज होकर एलओसी पर स्थित सुरक्षा चौकी छोड़कर चला गया था.'
आइएसपीआर ने कहा, "उसने (चव्हाण) 29 सितंबर, 2016 को जानबूझकर अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा पार की और पाकिस्तानी सेना के सामने समर्पण कर दिया. दोस्ती के नाते और अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों के तहत हमने सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को अपने देश लौटने के लिए मना लिया है और उन्हें मानवता के नाते वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों के हवाले कर दिया जाएगा."
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