नया वित्तीय वर्ष कल से शुरू होने जा रहा है. पुराने साल के नियम सिर्फ आज तक प्रभावी रहेंगे. इसके बाद कल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा और नये नियम लागू हो जाएंगे. नये वित्तीय वर्ष में कई सेवाओं के लिए अब ज्यादा पैसा चुकाना होगा तो कुछ सेवाओं पर नये नियमों के मुताबिक जुर्माने की रकम भी बढ़ेगी.
देखिये नये वित्तीय वर्ष में क्या होंगे बदलाव-
1. हेल्थ इंश्योरेंस और व्हीकल इंश्योरेंस होगा महंगा
नये वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही आपको अब हेल्थ इंश्योरेंस और व्हीकल इंश्योरेंस के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को अपने एजेंटों को ज्यादा कमीशन देने की इजाजत दे दी है. इसके अलावा अब व्हीकल के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी महंगा होगा.
व्हीकल्स के लिए जरूरी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस व्हीकल की स्थिति के आधार पर 40 से 50 फीसदी तक चार्ज करेगा. हालांकि, 1000 सीसी से कम क्षमता की निजी कारों पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में कोई बढोतरी नहीं होगी. इसके अलावा 75 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली बाइक्स पर भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत में कोई बढोतरी नहीं होगी.
2. कैश ट्रांजेक्शन समेत दूसरी बैंकिंग सेवाएं भी होंगी महंगी
एक तरफ जहां एक्सिस, HDFC और ICICI जैसी बैंकों ने 1 मार्च 2017 से ही नए कैश ट्रांजेक्शन चार्ज लागू कर दिए हैं. वहीं देश की सबसे बड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) नए ट्रांजेक्शन चार्ज 1 अप्रैल 2017 से लागू करने जा रही है. SBI के सेविंग अकाउंट होल्डर्स को हर महीने तीन कैश डिपॉजिट ट्रांजेक्शन फ्री मिलेंगी. इसके बाद अगली हर ट्रांजेक्शन पर सर्विस चार्ज के साथ 50 रुपये फीस लगेगी.
इसके अलावा SBI ने IMPS के जरिए फंड ट्रांसफर करने पर लगने वाले चार्ज में भी बढोतरी की है. 1000 रुपये तक की रकम फ्री में ट्रांसफर की जा सकेगी. जबकि इससे ज्यादा की रकम ट्रांसफर करने पर प्रति टांजेक्शन पर सर्विस टैक्स के साथ 1.50 रुपये से लेकर 11.50 रुपये तक फीस लगेगी. SBI खाता धारकों को अपने खाते में न्यूनतम निर्धारित राशि भी रखनी होगी. मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में अलग-अलग न्यूनतम राशि निर्धारित की गई है. नॉन मेट्रो शहरों में SBI खाता धारकों को न्यूनतम 1000 और मेट्रो शहरों में न्यूनतम 5000 रुपये तक रखने होंगे. खाते में न्यूनतम राशि न रखने पर सर्विस टैक्स के साथ 100 रुपये जुर्मना लगाया जाएगा. हालांकि जनधन खातों और बेसिक बचत खातों पर यह नियम लागू नहीं होगा.
इतना ही नहीं, खाता धारक को बैंक रिकॉर्ड में अपना एड्रेस भी अपडेट रखना होगा. अगर बैंक में खाता धारक का पुराना या गलत एड्रेस दर्ज होने की ऐसी स्थिति में एटीएम कार्ड या वेलकम किट वापस होने की स्थिति में भी खाता धारक को सर्विस टैक्स के साथ 100 रुपये का जुर्माना देना होगा.
3. दो लाख से ज्यादा कैश पेमेंट करने पर लगेगा जुर्माना
सरकार ने 2 लाख रुपये से ज्यादा की कैश रकम के लेनदेन पर पाबंदी लगा दी है. इससे ज्यादा रकम का कैश लेनदेन पर कैश लेने वाले को जुर्माना भरना होगा. ये नया नियम भी 1 अप्रैल 2017 से लागू होगा. इससे पहले कैश ट्रांजेक्शन के लिए किसी तरह का कोई नियम नहीं था.
4. टैक्स रिटर्न दाखिल करने में देरी पर भी जुर्माना
तय तिथि तक इनकम टैक्स न भरने पर भी अब जुर्माना देना होगा. आमतौर पर हर साल 31 जुलाई तक टैक्स पेयर्स को टैक्स रिर्टन दाखिल करना होता है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसंबर 2018 तक टैक्स रिर्टन फाइल न करने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा. इसके बाद टैक्स रिटर्न भरने वालों को 10000 रुपये देना होगा. इसके अलावा 5 लाख तक की इनकम वाले सभी टैक्स पेयर्स के लिए जुर्माने की रकम 1000 रुपये होगी.
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