22 अप्रैल की रात 11:45 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने एक ट्रक में कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से जानवर ले जाए जाने की जानकरी दी. पुलिस जब स्पॉट पर पहुंची तब तक वहां ट्रक के लोगों के साथ हाथापाई चालू हो चकी थी. पुलिस ने झगड़ा रुकवाकर तीन घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
घायलों के नाम आशु, रिजवान और कामिल हैं. तीनों हरियाणा के पटौदी के रहने वाले हैं. तीनों गाजीपुर जा रहे थे. कालकाजी मंदिर के दूसरी तरफ की रोड पर उन्हें रोक लिया गया. उन्हें रोक कर उनकी पिटाई की गई.
घटना में तीनों को मामूली चोटें आईं जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया. हम अभी भी नहीं जानते कि ट्रक कहां से आ रहा था.वेद प्रकाश, एसएचओ, कालकाजी पुलिस स्टेशन
ट्रक और उसके जानवर फिलहाल तीस हजारी पर हैं. पुलिस का कहना है कि वो घटना में पशु प्रेमियों के रोल की जांच कर रही है. लेकिन घटना में किसी गोरक्षक समूह के रोल को बताने की स्थिति में पुलिस फिलहाल नहीं है.
इसी दौरान पटौदी से आए घायलों के पड़ोसी और दो लोग जो चश्मदीद होने का दावा कर रहे हैं उनका कहना है कि ट्रक में केवल भैंसें थीं. तीनों को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्हें कालकाजी पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. फोटो में आशु की आंख से खून निकलता दिखाई दे रहा है.
पुलिस का जवाब
पुलिस ने आज अपनी जांच में शुरुआती तौर पर कहा है कि जिन लोगों ने मारपीट की वो एक एनजीओ पीएफए के सदस्य हैं न कि गोरक्षक. पीएफए के सदस्य कई सालों से दिल्ली में काम कर रहे हैं.
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