उत्तर प्रदेश का एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड अब आतंक की रहा पर चल पड़े भटके युवाओं की घर वापसी कराएगा. दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने आतंकवाद की तरफ रुख कर रहे युवाओं को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी एटीएस को सौंपी है. इसके बाद एटीएस ने भी इसके लिए योजना तैयार कर ली है, जिसे ‘घर वापसी’ नाम दिया गया है.
एटीएस के आईजी असीम अरुण ने जानकारी देते हुए बताया, ‘हम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर यह कैंपेन शुरू करने जा रहे हैं. हम ऐसे युवाओं के माता-पिता से संपर्क करेंगे जो सोशल मीडिया पर कुछ भी आपत्तिजनक पोस्ट करते हैं. और हम उनसे अपने बच्चे की काउंसलिंग कराने के लिए कहेंगे.’
आईजी ने कहा कि केंद्र सरकार भी इस मसले पर काम कर रही है और अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस तरह की पहल की शुरुआत की है.
यूपी एटीएस इस मुहिम में जिला पुलिस को भी शामिल करेगी. आईजी ने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत युवाओं का नाम गोपनीय रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अबतक दो दर्जन से ज्यादा युवाओं को डिरेडिक्लाइज्ड किया जा चुका है.
एटीएस चीफ के मुताबिक, ‘कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें परिवार को लगता है कि उनका कोई सदस्य गलत राह पर चल रहा है. कई बार हम भी हस्तक्षेप करते हैं. पुलिस अफसर युवाओं से मिलते हैं और उन्हें पूछताछ करने के लिए ऑफिस बुलाते हैं.’
एटीएस ने यह मुहिम इस्लामिक स्टेट के उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन तैयार करने के मंसूबे को ध्यान में रखते हुए शुरू की है. सूबे में पिछले कुछ सालों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं को भी एटीएस ने चेतावनी के तौर पर लिया है.
कैसे बदलेगा भटके युवाओं का मन
यूपी एटीएस के इस 'घर वापसी' कार्यक्रम का लक्ष्य सूबे के युवाओं को आतंकवाद का रुख करने से रोकना है. इसके लिए एटीएस भटके हुए युवाओं के परिवारों, दोस्तों और धर्म गुरुओं के साथ मिलकर उनकी काउंसलिंग कराएगी. साथ ही ऐसे लोगों को शिक्षा और रोजगार में सहयोग दिया जाएगा.
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