धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर, इन दिनों पत्थरबाजी और आतंकियों के आतंक की वजह से चर्चा में रहता है. कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाने वाले और इस्लाम और कश्मीर की आजादी के नाम पर हाथों में हथियार उठा लेने वाले नौजवान अक्सर ये कहते नजर आते हैं कि उनकी लड़ाई कश्मीर की आजादी के लिए है, कश्मीर के लोगों के लिए है. लेकिन ताजा मामले की हैवानियत और हैवानों के हौसले ने साफ कर दिया है कि कश्मीर के लोगों के नाम पर लड़ाई लड़ने वाले ये लोग जेहन से अपाहिज हो चुके हैं.
बुधवार को कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले साल दिसंबर में सेना में भर्ती हुए महज 22 साल के अफसर का शव मिला. उमर फयाज नाम का यह नौजवान अफसर सेना में भर्ती होने के बाद पहली बार छुट्टी मनाने घर आया था. सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात उमर छुट्टी के दौरान अपने रिश्तेदार के यहां शादी में शिरकत करने गए थे. यहीं शादी के मंडप से आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया और बाद में उनकी गोलियां मारकर हत्या कर दी.
ये कैसी नफरत?
अब सवाल ये है कि आखिर कश्मीर के पत्थरबाज नौजवान या फिर हाथों में हथियार उठाकर आतंक के रास्ते पर चल पड़े लोग किससे और किस बात के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. क्या अलगाववादियों की कट्टर विचारधारा ने उनके जेहन को इस कदर अपाहिज बना दिया है कि अब उनकी सोचने समझने की क्षमता खत्म हो चुकी है. आर्मी के खिलाफ नफरत की आग ने उन्हें इस कदर अंधा बना दिया है कि अब आर्मी की वर्दी में मुसलमान और कश्मीरी नौजवान होने का भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.
कुलगाम के रहने वाले उमर फयाज का जन्म 8 जून 1994 को हुआ था. 10 दिसंबर 2016 को वह भारतीय सेना में शामिल हो गए. सेना में भर्ती होने के बाद उमर पहली बार छुट्टी आए थे. मंगलवार को वह अपने रिश्तेदार के यहां शादी में शामिल होने बाटपोरा पहुंचे. यहीं आतंकियों ने उन्हें हथियारों के बल पर रात 10 बजे शादी के मंडप से अगवा कर लिया. बुधवार को शोपियां में उऩका शव बरामद हुआ. उनके सिर और पेट में गोलियां मारी गईं थी.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट उमर फयाज का मंगलवार रात दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अपने रिश्तेदार के घर गए थे, जहां से उनका अपहरण कर लिया गया और बुधवार सुबह शोपियां जिले के हेरमैन इलाके से उनका गोली लगा शव बरामद हुआ.
आर्मी ज्वॉइन करने के बाद ली थी पहली छुट्टी
उमर कुलगाम जिले के फयाज इन्फन्टरी में थे और जम्मू के अखनूर इलाके में तैनात थे. उमर ने पिछले साल दिसंबर महीने में ही इंडियन आर्मी ज्वॉइन की थी. आर्मी ज्वॉइन करने के बाद फयाज की यह पहली छुट्टी थी.
सेना के अधिकारी ने कहा, ‘‘इस नृशंस घटना मेें कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने लेफ्टिनेंट उमर फयाज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी.'' उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने रिश्तेदार की शादी में शिरकत करने अपने गृहनगर कुलगाम जिले आए हुए थे.
अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना बहादुर सैनिक को सलाम करती है और इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है. हम इस नृशंस आंतकी घटना के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है.''
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