भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से उप-राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने पीएम मोदी और लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी में अपना नामांकन भरा. नायडू ने दो सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया और पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली उनके प्रस्तावक बने.
नामांकन के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ बीजेपी के सहयोगी दल और अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे अन्नाद्रमुक और तेलंगाना की राष्ट्र समिति के कई नेता भी उनके साथ मौजूद थे. शिवसेना भी इस मौके पर उनके साथ नजर आई.
इससे पहले सोमवार को उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर नाम का ऐलान होने के बाद नायडू ने शहरी विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उप राष्ट्रपति चुनाव पांच अगस्त को होना है. नायडू की टक्कर विपक्ष के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से है.
पार्टी कार्यकर्ता से उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर
सत्तर के दशक में जब बीजेपी का पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ अपनी पहचान बना ही रहा था और दक्षिण में उसका कोई आधार नहीं था, तब आंध्र प्रदेश का एक युवा पार्टी कार्यकर्ता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के पोस्टर लगाने में व्यस्त रहता था.
राजनीतिक कार्यकर्ता के उन दिनों से लंबी दूरी तय करके मुप्पावरापू वेंकैया नायडू आज एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने जाने तक पहुंचे हैं. इस पद पर उनका काबिज होना तय माना जा रहा है.
जानिए कौन हैं NDA के उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार वेंकैया नायडू
- वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले के रहने वाले हैं और वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं
- नायडू को भारतीय राजनीति में उनके बेहतरीन वाक् क्षमता के लिए जाना जाता है
- आंध्र प्रदेश विधानसभा में दो बार सदस्य रह चुके नायडू कभी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे
- वह तीन बार कर्नाटक से राज्यसभा में पहुंच चुके हैं और फिलहाल राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
- नायडू फिलहाल सूचना प्रसारण और शहरी विकास मंत्रालयों का कामकाज संभाल रहे हैं
- वह मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं
- अटल बिहारी वाजपेयी के समय NDA की पहली सरकार में 68 वर्षीय नायडू ग्रामीण विकास मंत्री रहे
- वह जुलाई 2002 से अक्तूबर 2004 तक लगातार दो कार्यकाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
- साल 2004 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया
2014 लोकसभा चुनाव में किया था मोदी का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने के बाद उनके लिए तेलुगू के शब्द 'गारु' का इस्तेमाल किया, जो किसी को सम्मान देने के लिए बोला जाता है.
मोदी ने ट्वीट किया, ''एक किसान पुत्र. एम वेंकैया नायडू गारु सार्वजनिक जीवन में वर्षों का अनुभव रखते हैं और हर राजनीतिक वर्ग में सराहे जाते हैं.''
एक समय आडवाणी के करीबी रहे नायडू ने 2014 के आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का जोरदार समर्थन किया.
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