2017 का अगस्त महीना लंबे समय तक याद रखा जाएगा. इन यादों में कौंध उठेगी गोरखपुर में 'सो' चुके बच्चों की तस्वीरें. ट्रेन के बेपटरी डिब्बों के नीचे दबी लाशें और बाढ़ में बहते सपने. रही सही कसर मुंबई की बदहाली पूरी कर देगी.
ऐसे में जानते हैं इस महीने की हर लापरवाही, आपदा और हादसों के बारे में:
बाढ़-बारिश के बीच ‘बहती’ जिंदगियां
बिहार-यूपी-पश्चिम बंगाल- असम में बाढ़
महीने की शुरुआत बिहार में बहती जिंदगियों से हुई. ऐसा नहीं है कि ये बाढ़ इसी साल या इसी महीने आई है. साल दर साल बिहार में ऐसी बाढ़ आती है. जानें जाती हैं और फिर कुछ महीनों के बाद हम इसे भूल जाते हैं. फिलहाल, 30 अगस्त तक बिहार में बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ के कुछ आंकड़े इस तरह हैं:
- बिहार में 19 जिलों की 1.5 करोड़ से ज्यादा आबादी बाढ़ की शिकार
- यूपी के पूर्वी हिस्से में 27 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित, अब तक 103 की गई जान
- पश्चिम बंगाल में 11 जिले बाढ़ के शिकार, 152 लोगों की मौत
मुंबई बारिश:
प्राकृतिक आपदा का ताजा शिकार है मुंबई. जहां 28 अगस्त की रात से हुई बारिश से जिंदगी बेहाल है. वहीं 31 अगस्त को भारी बारिश के बीच दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार की तीन मंजिला इमारत गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई.
खास बात ये है कि इस बारिश का रेड अलर्ट IMD ने 28 अगस्त को ही जारी कर दिया था. लेकिन BMC और स्टेट अथॉरिटी माकूल इंतजाम नहीं कर सकीं.
हिमाचल भूस्खलन:
इसी महीने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जमीन धंसने का हादसा भी सामने आया. सड़क का 150 मीटर से ज्यादा हिस्सा धंस गया. कई घर, दो बसें और कुछ दूसरे वाहन मलबे में दफन हो गए. कुल 46 लोगों की मौत की जानकारी रिपोर्ट की गई.
ट्रेन हादसे से सहमा हिंदुस्तान
इस महीने पहले उत्कल एक्सप्रेस, फिर कैफियात एक्सप्रेस, उसके बाद दो और हादसे, देश में शायद ही पहले ऐसा कभी हुआ हो कि एक महीने में 4 ट्रेनें पटरी से उतर गई हों.
इन हादसों में अबतक 23 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों जख्मी हुए हैं. कारण बताए जाने और मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया बदस्तूर जारी है. यात्रियों की जान की कीमत को इस्तीफे और मुआवजे से तौल दिया गया है.
गोरखपुर में बच्चों की ‘चीखें’ देश ने सुनीं
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज (BRD) भी इस महीने की सुर्खियों में रहा है. 7 अगस्त से 11 अगस्त के बीच इस अस्पताल में 60 बच्चों की मौत हुई. कहा गया कि इनमें से कई मौतों का कारण ऑक्सीजन की कमी थी तो कई मौतें इंसेफेलाइटिस की वजह से हुईं. कार्रवाई के नाम पर जांच जारी है, वहीं BRD मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का इस्तीफा ले लिया गया.
बच्चों की मौतों का सिलसिला यहीं नहीं रूका, 29 अगस्त को खबर आई कि 48 घंटे में अस्पताल में 42 और बच्चों की मौत हो गई.
जरा अगस्त के इन आंकड़ों पर नजर डालिए:
- BRD मेडिकल कॉलेज में 28 अगस्त तक 296 बच्चों की मौत
- NICU में 213 और इंसेफेलाइटिस वार्ड में 83 बच्चों की मौत
- जनवरी से अबतक 1256 बच्चों की मौत हुई
इसी हादसे पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया था कि ''अगस्त में मौतें होती हैं''. लेकिन हम ये उम्मीद करते हैं कि देश को ऐसा अगस्त फिर कभी देखने को न मिले.
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