पहली बार किसी राज्य में VVPAT मशीन का इस्तेमाल चुनावों में हो रहा है , क्या है ये VVPAT मशीन?
Q-जानकारी
क्या है VVPAT मशीन?
VVPAT यानी वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन ईवीएम से कनेक्ट होती है. ईवीएम के जरिए वोट डालने के तुरंत बाद VVPAT में एक कागज की पर्ची बनती है. इस पर्ची पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है.
यह व्यवस्था इसलिए है ताकि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके. VVPAT मशीन में लगे स्क्रीन पर यह पर्ची 7 सेकंड तक दिखती है.
ये मशीन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने साल 2013 में डिजाइन की थी. सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में साल 2013 में प्रायोगिक तौर पर किया गया था.
हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. राज्य में 9 नवंबर को विधानसभा चुनाव है, काउंटिंग 18 दिसंबर को है. वहीं नोटिफिकेशन 16 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे. बता दें कि गुजरात चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान गुरुवार को नहीं किया गया.
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इलेक्शन कमीशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें
- हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 को खत्म हो रहा है, आज से प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गया है
- सभी पोलिंग स्टेशन पर VVPAT का ही इस्तेमाल होगा, पहली बार किसी राज्य में इन मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है.
- VVPAT मशीन की साइज बढ़ाकर 10 सेमी की गई पहले ये 5.6 सेमी थी.
- हिमाचल चुनाव में 7521 पोलिंग स्टेशन हैं, इस बार पोलिंग स्टेशन की जिम्मेदारी संभालने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
- 136 बूथ पर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी महिलाओं की होगी ऐसा राज्य में पहली बार हो रहा है.