जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सोमवार को मुठभेड़ के दौरान आतंकी जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के भतीजे को सेना ने मार गिराया है.
जवानों को मिली सूचना के मुताबिक आतंकियों ने पुलवामा के अगलर कांडी इलाके में पानाह ली थी और वो किसी बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने वाले थे, जिसके बाद सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे और ऑपरेशन शुरू कर दिया. कई घंटों के सर्च ऑपरेशन के बाद जवानों ने आतंकियों को मार गिराया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता ने बयान जारी किया है, जिसमें ये कहा गया है कि सोमवार को हुए एनकाउंटर में जो तीन लोग मारे गए थे, उनमें से एक मसूद अजहर का भतीजा था तल्हा था. तल्हा रशीद आउटफिट डिविजनल कमांडर था. मारे गए आतंकियों के कब्जे से 2 एके-47 और एक पिस्टल बरामद हुई है.
इस मुठभेड़ में एक नागरिक जख्मी हुआ है और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. वहींं 3 लोगों के घायल होने की भी खबर है.
कौन है जैश-ए-मोहम्मद
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन है, जिसे साल 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने स्थापित किया था. 31 दिसंबर, 1999 में कंधार एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय विमान यात्रियों के बदले में मौलाना मसूद अजहर को रिहा किया गया था. उससे पहले अजहर भारत की कस्टडी में था. साल 2001 में अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया.
साल 2002 में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन कर दिया. साल 2003 में खबर आई जैश-ए-मोहम्मद के बंटवारे की, जो कथित तौर पर खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान में बंट गया. उसी साल जमात-उल-फुरकान के चीफ अब्दुल जब्बार ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ की हत्या की कोशिश की, जिसमें वह गिरफ्तार हो गया. इसके बाद पाकिस्तान ने नवंबर 2003 में दोनों संगठनों, खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान को बैन कर दिया.
इससे पहले, 2 नवंबर को पुलवामा के पंपोर इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड में सेना के दो जवान शहीद हो गए थे. इसके अलावा सीआरपीएफ का भी एक जवान घायल हो गया था.
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