वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
आईपीएल (IPL) में क्रिकेट के बाकी टूर्नामेंट की तरह सेमीफाइनल का कांसेप्ट नहीं है. यानि हारे तो सीधे बाहर. प्ले-ऑफ में पहुंचने वाली 4 टीमों में दो टॉप टीमों को इस मुश्किल चुनौती से नहीं गुजरना पड़ता है. लेकिन नीचे की दो टीमों के लिए एलिमिनेटर मुकाबला सेमीफाइनल या फिर नॉक आउट होता है, यानि हार का मतलब टूर्नामेंट से छुट्टी.
कायदे से इस मुकाबले के लिए तो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की टीम यानि कोहली (Virat Kohli) की टीम को फेवरिट माना जाना चाहिए था क्योंकि उनकी टीम में एक से बढ़कर एक सुपर स्टार हैं और मैच-जिताने वाले खिलाड़ी भी, लेकिन दरअसल में इस मैच में पलड़ा भारी होगा डेविन वार्नर (David Warner) की सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) का.
जीत का संवेग यानी कि मोमेंटम
लगातार तीन जीत वार्ने की टीम के साथ है जबकि बेंगलुरु लगातार 4 मैच से हारता आ रहा है और सिर्फ लकी रहा कि उसे प्ले-ऑफ में किसी तरह से जगह मिल गई.
कोहली को वार्न से डरने की एक और वजह है अतीत का रिकॉर्ड. 2016 में पहली बार कोहली अपनी टीम को आईपीएल के फाइनल में लेकर आये थे लेकिन यहां पर उनके मसूंबे पर वार्नर की टीम ने ही पानी फेर दिया था. हकीकत ये है कि पिछले 9 सीजन से जब से प्ले-ऑफ शुरु हुआ है तब से टॉप 2 में नहीं पहुंचने के बावजूद IPLट्रॉफी जीतने वाली इकलौती टीम हैदराबाद की ही रही है.
कोहली को वार्नर कप्तान ही नहीं बल्कि वार्नर बल्लेबाज से भी डर लग रहा है जिन्होंने इस सीजन में 500 से ज्यादा रन बना लिए हैं. ऐसा 6 सीजन में करने वाले वो इकलौते बल्लेबाज हैं जबकि कोहली ने ये कमाल 5 बार दिखाया है.
कोहली को वार्नर से डरने की एक और वजह है. जहां कोहली मैच जीतने के लिए एबी डिविलियर्स, युजवेंद्र चहल और खुद पर निर्भर रहते है, वहीं वार्नर के लिए 7 मैचों में 7 अलग अलग खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच बने हैं. इनमें से एक बार भी अभी तक वार्नर खुद मैन ऑफ द मैच नहीं बने हैं.
कहने को आईपीएल के किसी भी मैच में कोई भी नतीजा आ सकता है लेकिन शुक्रवार को होने वाले इस मैच में कोहली की बजाए वार्नर की टीम जीत की बड़ी दावेदार लगती है.
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