ADVERTISEMENTREMOVE AD

IPL 2022 : हार्दिक पंड्या खलनायक से नायक कैसे बने?

hardik pandya (हार्दिक पंड्या) पांचवीं बार IPL विजेता टीम का हिस्स बने.

Published
IPL 2024
7 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 World Cup 2021) में जब टीम इंडिया टूर्नामेंट से जल्दी बाहर हो गई थी तब हर कोई टीम में विलेन यानी खलनायक को खोज रहा था.

काफी खोजबीन के बाद एक व्यक्ति को पॉइंट आउट किया गया. वह शख्स कोई और नहीं हार्दिक पंड्या था. टूर्नामेंट के पहले पंड्या को हीरो के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन वर्ल्ड कप जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ा पंड्या विलेन बन गए. पाकिस्तान व न्यूजीलैंड के हाथों टीम इंडिया को मिली हार और वर्ल्ड कप से बाहर होने के साथ-साथ देश को कष्ट देने वाले अन्य प्रमुख मुद्दे के लिए भी पंड्या 'जिम्मेदार' ठहराए जा रहे थे.

चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा समेत कई लोगों से पंड्या ने वादे किए थे. उन्होंने एक अंडरटेकिंग देते हुए वादा किया था कि टी-20 वर्ल्ड कप से पहले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान काफी गेंदबाजी करेंगे और टीम इंडिया में प्लेइंग XI में संतुलन की समस्या को सुलझाएंगे.

लेकिन IPL 2021 के दौरान मुश्किल से पंड्या ने गेंदबाजी की, इसके बजाय उन्होंने वर्ल्ड कप में प्रदर्शन करने का वादा किया. हालांकि वहां भी उनकी बात बुरी तरह से पिट गई और आखिर में पंड्या पर खलनायक (विलेन) का ठप्पा लगा दिया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
hardik pandya (हार्दिक पंड्या) पांचवीं बार IPL विजेता टीम का हिस्स बने.

वर्ल्ड कप मुकाबलों के अलावा 2021 में हार्दिक पंड्या ने भारत के लिए 12 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं.

फोटो : पीटीआई 

चोट और ब्रेक

उस समय टीम इंडिया के सभी फार्मेट के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने पंड्या को सपोर्ट करते हुए अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया था. वे एक ऐसे पंड्या को चाहते थे जो उनकी टी-20 प्लेइंग XI में किसी और से ऊपर खेल सके. उनका आशय एक ऐसे प्लेयर से था जो मैच जिता सकता था, एक ऐसा शख्स जो टीम में बैलेंस प्रदान करने के साथ-साथ टीम इंडिया के पक्ष में माहौल झुका सकता था.

लेकिन दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 2018 एशिया कप के दौरान जब से वह (पंड्या) चोटिल हुए तब से पहले की तुलना में आधे क्रिकेटर थे. उन्होंने पीठ की सर्जरी करवाई और काफी क्रिकेट मिस किया. पंड्या ने 2019 वनडे वर्ल्ड कप के लिए वापसी की थी, लेकिन वहां भी वे पहले जैसे रंग में नहीं दिखे. पंड्या फिर से चोटिल हो गए और पहले से भी ज्यादा समय के लिए क्रिकेट से दूर हो गए. इसकी वजह से भारतीय टीम सभी फार्मेट में ठीक से संतुलन बनाने के लिए जूझती रही.

2021 की गर्मियों में पंड्या ने व्हाइट बॉल के एक छोटे से दौरे के साथ श्रीलंका के विरुद्ध प्रमुख खिलाड़यों की गैर मौजूदगी में टीम B के अहम खिलाड़ी के तौर पर वापसी की थी. लेकिन यहां पर भी पंड्या में वो बात नहीं दिखी. उस समय पंड्या तीनों फार्मेट में पसंदीदा क्रिकेटर नहीं रह गए थे और यह कोहली एंड कंपनी के लिए एक बड़ा मुद्दा साबित हुआ.

2021 का टी20 वर्ल्ड कप पंड्या के लिए आखिरी बुरी घटना साबित हुई. ऐसा प्रतीत होता है कि चयनकर्ता तंग आ गए थे और इसके लिए उनके पास पर्याप्त पॉइंट्स थे.

hardik pandya (हार्दिक पंड्या) पांचवीं बार IPL विजेता टीम का हिस्स बने.

2021 टी20 वर्ल्ड कप में हार्दिक पांड्या ने 5 मैचों में 69 रन बनाए थे.

फोटो : बीसीसीआई

चयन समिति और राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में नई टीम मैनेजमेंट पंड्या के गेंदबाजी शुरू करने का इंतजार नहीं कर सकी. एक बैट्समैन के तौर पर पंड्या किसी भी छोटे फार्मेट की प्लेइंग इलेवन में जा सकते थे, लेकिन यह उनकी बॉलिंग ही है जो उन्हें टीम में ठीक ढंग से बैलेंस करती है. पंड्या खलनायक बन गए, उन्हें नफरत की दृष्टि से देखा जाने लगा और टी-20 वर्ल्ड कप से टीम इंडिया के जल्दी बाहर होने के लिए उन पर इल्जाम लगाया गया.

इसके बाद पंड्या के एक डिसीजन ने सभी को और ज्यादा निराश किया वह था पंड्या का पूरे घरेलू सीजन से बाहर होने का निर्णय और अपने राज्य (बड़ौदा) के लिए नहीं खेलने का चुनाव करना.

पंड्या का यह एक ऐसा निर्णय था जो कई सारी ताकतों के साथ ठीक तरह से फिट नहीं था. इसके साथ ही खबरें ऐसी भी थीं कि पांड्या ने चयनकर्ताओं से कहा था कि वे भारत के लिए किसी भी प्रारूप के लिए उन (पंड्या) पर विचार न करें. यह एक साहसिक कदम था. हर कोई उस समय यही सोच रहा था कि क्या यह 28 वर्षीय क्रिकेट के लिए भविष्य के रास्ते खत्म होने का वक्त है.

0

टीम इंडिया रिप्लेसमेंट की खोज में

इस साल की शुरुआत में साउथ अफ्रीका दौरा एक भूल जाने वाला टूर था. यहां पर इंडिया ने पंड्या और रवीन्द्र जडेजा को काफी मिस किया, ये दोनों मल्टी स्किल्ड प्लेयर (ऑल राउंडर) वनडे सीरीज की आपदा को रोक सकते थे. हालांकि टीम ने अब युवा ऑलराउंडर के साथ आगे बढ़ना सीखा और नए युवा लड़के वेंकटेश अय्यर को चुना. अब अय्यर एक ऐसे बल्लेबाज हैं, जो पंड्या से हटकर बॉलिंग कर सकते हैं, जो अपने दोनों कौशल (बैटिंग और बॉलिंग) के लिए जाने जाते है.

पंड्या जैसे 'किसी खिलाड़ी' को हासिल करने के लिए भारत तरसता रहा लेकिन कहीं कोई नहीं दिखा. शार्दुल ठाकुर 18 महीनों में उस क्षमता और उस भूमिका में उभरे हैं लेकिन वे भी केवल टेस्ट मैचों में. सेलेक्टर्स ने इससे पहले 3डी स्टार विजय शंकर को चुना लेकिन उनका यह फैसला उल्टा साबित हुआ. घरेलू क्रिकेट की तरफ नजरे दौड़ाने के बाद सेलेक्टर्स ने रिपल पटेल, प्रेरक मांकड़ को देखा और यहां तक ​​कि घरेलू क्रिकेट में हिमाचल प्रदेश के कप्तान ऋषि धवन को वापस बुलाने पर विचार किया लेकिन इनमें से कोई भी ओरिजनल पंड्या के करीब नहीं दिखा.

इसी दौरान पंड्या रडार से बाहर हो गए. उन्होंने अपनी क्रिकेट क्षमताओं और फिटनेस में सुधार करने के लिए बड़ौदा में किसी अनजान जगह में चुपचाप काम किया. दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आया और हमेशा की तरह घर में भारत ने सभी फार्मेट में नए कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में प्रतिद्वंद्वियों को हराया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आईपीएल 2022 और गुजरात का भरोसा 

आईपीएल 2022 के लिए नई फ्रेंचाइजी की चर्चा ने जोर पकड़ा और इसी बीच मुंबई इंडियन्स ने पंड्या (हार्दिक और क्रुणाल पंड्या) समेत कई खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया. चूंकि खलनायक का ठप्पा अभी भी था इसलिए कईयों को लगा कि मुंबई ने इन्हें रिलीज करके अच्छा काम ही किया है.

लेकिन सबको क्या पता था कि कहानी में ट्विस्ट आने वाला है.

बाकी सब चीजों की तरह आईपीएल में नई फ्रेंचाइजी में से एक को लेकर भ्रम की स्थिति थी. इसका कारण गुजरात के स्वामित्व के इतिहास पर बीसीसीआई की चुप्पी थी. अंत में जब पर्दा हटा लिया गया तब गुजरात ने अपने तीन ड्राफ्ट के चयन की घोषणा की.

पंड्या के पास किसी तरह का क्रिकेट न होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से वे अफगानिस्तान के राशिद खान और भविष्य के युवा सितारे शुभमन गिल के साथ तीन विकल्पों में से एक थे. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि पंड्या को कप्तान चुना गया. यह गुजरात द्वारा खेला गया एक दांव था, क्योंकि वे इस बात को जानते थे कि उन्हें एक लोकल लड़के की जरूरत है और इसके साथ ही उसमें सुपरस्टार वाला तड़का हो. लेकिन जहां तक कप्तानी देने का सवाल है ऐसे में यह एक बड़ी कॉल थी.

किसी ने कभी भी इस बात का अनुमान नहीं लगाया होगा कि जिस शख्स (पंड्या) ने नवंबर 2021 से कम्पटीटिव गेम नहीं खेला है, वह मार्च 2022 में जादू कर सकता है. लेकिन पंड्या को पूरा भरोसा था, उन्होंने सबके सामने यह वादा भी किया था कि वे बॉलिंग करेंगे.

पंड्या को तीन अहम लोग साथ काम करने के लिए मिले जिसमें खुले दिमाग वाला नया कोच आशीष नेहरा, टीम मेंटर के तौर पर शांत ऑपरेटर गैरी कर्स्टन और डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट के तौर पर इंग्लैंड के पूर्व ODI ओपनर विक्रम सोलंकी शामिल थे. हालांकि, जिस पक्ष को उन्होंने नीलामी में चुना था, उसे सभी संबंधितों ने नो-होपर्स के रूप में सरसरी तौर पर खारिज कर दिया था. जब टूर्नामेंट शुरू हुआ तो पांड्या ने भी धीमी शुरुआत की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जैसे कि उन्होंने वादा किया था वैसी गेंदबाजी उन्होंने नहीं की, लेकिन उनकी टीम ने तेज शुरुआत की. उन्होंने एक ऐसी टीम बनाई जो हमेशा जीतने का एक रास्ता खोजती थी, हर बार नए हीरो निकलकर आए और लगभग हर बार उन्होंने अपने आप को कठिन परिस्थिति से बाहर निकाला.

गुजरात के लिए बॉलिंग बड़ी ताकत बन गई और पूरे सीजन के दौरान सरप्राइज पैकेज कोई और नहीं बल्कि उनके कप्तान हार्दिक पांड्या थे. सीजन के दौरान चोट के कारण पंड्या ने कुछ गेम मिस किए और सभी ने सोचा लो फिर से वही हो गया. लेकिन गुजरात को प्लेऑफ में पहुंचाने के लिए पंड्या ने समय पर वापसी की. ग्रैंड फिनाले की रात पांड्या एक बार फिर उभरे. इस बार पहले अपनी गेंदबाजी, फिर कप्तानी और फिर कम स्कोर वाले खिताबी मुकाबले में बल्ले के साथ अपने शांत दृष्टिकोण से.

hardik pandya (हार्दिक पंड्या) पांचवीं बार IPL विजेता टीम का हिस्स बने.

आईपीएल 2022 फाइनल के बाद फैंस के साथ जीत का जश्न मनाते हार्दिक पंड्या

फोटो : बीसीसीआई

सात लंबे महीनों के बाद आखिरकार पांड्या की कहानी बतौर गुजरात के कप्तान खलनायक से नायक में बदलने के साथ अच्छी जगह पर समाप्त हुई. अब पंड्या चर्चा का विषय हैं और कुछ लोग तो यह भी चाहते हैं कि पंड्या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी दो मैचों में और फिर आयरलैंड के छोटे दौरे पर T20I में टीम इंडिया का नेतृत्व करें.

पहले पंड्या कुछ सही नहीं कर सकते थे और अब वे कुछ गलत नहीं कर सकते हैं. यहां तक कि इंग्लैंड में होने वाले एक मात्र टेस्ट मैच के लिए उन्हें टीम में शामिल करने की मांग भी की जा रही है. अब चारों तरफ पंड्या की जय-जयकार हो रही है.

पांड्या और भारतीय थिंक-टैंक यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि केवल एक गलती से सबकुछ बदल सकता है. फिलहाल के लिए एक खिलाड़ी के तौर पर पांच बार आईपीएल का खिताब जीतने के लिए पंड्या को आनंद लेने दें और कुछ समय के लिए उन्हें इस जीत का जश्न मनाने दें.

किसको पता कि हम नवंबर 2023 में अहमदाबाद के उसी स्टेडियम में पंड्या को वही प्रदर्शन करते हुए देख सकते हैं, लेकिन इस बार भारत के लिए! आखिर थोड़ा सा सपना देखने में कोई बुराई तो नहीं है? आखिरकार अब पंड्या हीरो हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×