सरकारी नौकरियों और पब्लिक सेक्टर के बैंक की अलग-अलग परीक्षाओं की जगह एक परीक्षा- 'कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट' कराने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) गठित करने का प्रस्ताव था. 19 अगस्त को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है.
देशभर के 2.5 करोड़ से 3 करोड़ परीक्षार्थी करीब 1 लाख परीक्षाओं के लिए हर साल किसी न किसी एग्जाम में बैठते हैं. अब वो सारे परीक्षार्थी एक सिंगल परीक्षा 'कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट' देंगे और इसका स्कोर तीन साल के लिए मान्य होगा.
आम बजट के वक्त हुआ था ऐलान
इस साल बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया था कि नॉन गजेटेड सरकारी पदों पर और सरकारी बैंकों में रिक्रूटमेंट के लिए एक ही ऑनलाइन एग्जाम होगा, जिसे कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) कहा जाएगा. अब यहां दो बात समझनी होगी, एक तो अलग-अलग डिपार्टमेंट में एक ही टाइप के सरकारी नौकरियों के लिए एक ही एग्जाम होगा और दूसरी बात एग्जाम ऑनलाइन कंम्प्यूटर बेस्ड होगा. ऑनलाइन एग्जाम तो फिलहाल, कई ऐसी नौकरियों के लिए कराए जा रहे हैं, लेकिन अब सभी ऐसी नौकरियों के लिए ऑनलाइन एग्जाम ही होगा जैसे RRB, IBPS और SSC जिसके अलग-अलग एग्जाम होते हैं उसकी जगह एक ही एग्जाम, इन रिक्रूटमेंट्स के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाई जाएगी. जिसके लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
हर जिले में खोले जाएंगे एग्जाम सेंटर, जिससे छात्रों को दूर न जाना पड़े.
3 साल के लिए मान्य होगा स्कोर
CET का स्कोर रिजल्ट की घोषणा होने की तारीख से अगले तीन साल तक मान्य होगा. ये स्कोर कैंडिडेट के साथ ही अलग-अलग रिक्रूटमेंट एजेंसियों को भी मुहैया कराया जाएगा. कैंडिडेट को अपना स्कोर सुधारने के दो मौके और मिलेंगे, और सभी स्कोर में बेस्ट वाले स्कोर को माना जाएगा.
CET छात्र कितनी बार भी दे सकेंगे, इसके लिए कोई सीमा नहीं होगी. हालांकि, आयु सीमा का ध्यान रखा जाएगा.
CET की मेरिट लिस्ट को NRA राज्यों के साथ कॉस्ट-शेयरिंग के तहत साझा कर सकती है. इससे राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती हो सकेगी.
1517.57 करोड़ का फंड जारी
शुरुआत में CET का स्कोर तीन बड़ी रिक्रूटमेंज एजेंसियों के लिए इस्तेमाल होगा. समय के साथ-साथ इसे दूसरी सरकारी नौकरियों के लिए रिक्रूटमेंट एजेंसियों को मुहैया कराया जाएगा.
सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के लिए कुल 1517.57 करोड़ रुपये जारी किए हैं. अगले तीन साल में इसे एजेंसी के लिए खर्च किया जाएगा. इसके जरिए 117 जिलों में एग्जाम सेंटर बनाए जाएंगे.
परीक्षाओं के दुष्चक्र में फंसे रहते हैं युवा
क्विंट अपने पिछले कई रिपोर्ट में आपको बता चुका है कि कैसे छात्र इस एग्जाम के दुष्चक्र में फंसकर घूमते रहते हैं. कभी वैकेंसी समय पर नहीं निकलती, निकलती है तो परीक्षा होने में समय लग जाता है, फिर छात्र एडमिट कार्ड से लेकर परीक्षा सेंटर तक पहुंचने की मुसीबतों को झेलता है फिर पेपर लीक होने की खबर आ जाती है तो कभी धांधली की तो इस लिहाज से सरकार का ये कदम रिक्रूटमेंट के लिए अच्छा माना जा सकता है. लेकिन इस नए फैसले पर कई सारे सवाल हैं जिनका जवाब परीक्षा देने वालों को नहीं पता. जैसे परीक्षाओं का सिलेबस क्या होगा, कब तैयार किया जाएगा, जो छात्र पहले से अलग-अलग तरह की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, जिनके सिलेबस अलग-अलग थे, वो अब कैसे तैयारी करें?
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