वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद आलम और इब्राहीम
“बल्ला मेरा, पहले मैं बैटिंग करूंगा. टॉस मैंने जीता है, मैच भी मैं ही जीतूंगा.. सुनो वन टिप वन हैंड कैच आउट..” अरे आप कंफ्यूज ना हों ये सब मेरे नियम, मेरे कानून, मेरे रूल हैं.. जैसे ICC के अपने रूल हैं वैसे ही.. अब ICC वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल इंग्लैंड ने जीरो विकेट से जीत लिया.. हां जीरो विकेट से.. ये अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय रूल्स सिर्फ और सिर्फ माननीय इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने लिखे हैं. इस रूल को देखकर सबको कंफ्यूज करने वाले बेचारे डकवर्थ और लुईस चचा भी सोच रहे होंगे कि ये वाला तो हमसे भी आगे निकल गया...
वर्ल्ड कप 2019 में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 241 रन बनाए. इंग्लैंड ने भी 50 ओवर में 241 रन बनाए. मैच 50-50 बिस्कुट के मजे की तरह आधा-आधा हो गया, मतलब टाई रहा. फिर छुटकू क्रिकेट T20 वाला फॉर्मूला लगाया गया और पहली बार वर्ल्ड कप में सुपर ओवर हुआ. सुपर ओवर में भी मैच रहा टाई.
लेकिन ICC ने ज्यादा बाउंड्री मारने वाली टीम को चैंपयिन बना दिया. इस नियम को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वैसे जब वर्ल्ड कप के शहंशाह का फैसला ऐसे ही होना है तो हमारे पास भी कुछ सुझाव हैं. ICC हमसे संपर्क कर सकता है.. वो अलग बात है हम अननोन नंबर का कॉल ही नहीं उठाते हैं.
लेकिन चलिए आपको बताते हैं मैच जीतने के 12 और नुस्खे क्या हो सकते हैं.
1. जिसका हुआ ज्यादा नुकसान वो हारेगा
ICC के बॉउंड्री वाले तर्क पर सवाल उठता है कि बॉउंड्री ही क्यों? ज्यादा विकेट क्यों नहीं? मतलब जिसके ज्यादा विकेट गिरे वो हारा. तो हम बॉलर के साथ सहानभुती रखते हुए ज्यादा विकेट के गिरने वाली टीम को हराएंगे, क्योंकि मैच में सिर्फ बल्ला नहीं बॉल भी बोलता है..
2. मेहनत का फल मीठा होता है
मैच अगर हो गया टाई तो हम चेक करेंगे कि किस टीम ने ज्यादा मेहनत की है. मेहनत का मतलब किसने दौड़कर ज्यादा रन बनाए हैं. क्योंकि मम्मी कहती हैं, मेहनत का फल मीठा होता है. और किसी का मन खट्टा नहीं होगा.
3. रूल नंबर फलानाज-ढिमराना
अपने रूल नंबर 'फलाना-ढिमकाना' के हिसाब से अगर मैच टॉस से शुरू होता है तो फिर खत्म भी टॉस से ही होगा. मतलब अगर टाई हो गया तो आखिर में जो जीतेगा टॉस वो बनेगा बॉस... और ये टॉस सिक्के से नहीं नोट से होगा..
चलिए अब थोड़ा और कड़े रूल की तरफ चलते हैं
4. विपक्षियों का समर्थन पाइए और कप ले जाइए
डिस्क्लेमर...ये आइडिया हमारा नहीं है. हमने प्रेरणा ली है हिदुस्तान के सियासतदानों से....खुद नहीं जीत पाए तो विरोधी टीम से समर्थन जुटा लीजिए. जब इस नियम से राज्यों में सरकार बन सकती है तो वर्ल्ड कप का विजेता क्यों नहीं चुना जा सकता. होना ये चाहिए कि टाई होने पर जो टीम सामने वाली टीम से ज्यादा खिलाड़ियों को बहला फुसला कर अपनी तरफ ले आए वही चैंपियन. इसके लिए आपको उन खिलाड़ियों को होटल में रखना पड़े तो रख सकते हैं.
5. जिसके सोशल मीडिया पर ज्यादा फॉलोवर होंगे
जीत का ये पैरामीटर एकदम यूनीक है अपने पास. अगर मैच टाई हो जाता है तो ये देखा जाएगा कि किस टीम के कप्तान के सोशल मीडिया पर ज्यादा फॉलोवर हैं. हां लेकिन ये नियम लागू हुआ तो कोहली को एक्सेप्शन मानने की मांग उठ सकती है. (PUT VIRAT FOLLOWER NO. IMGAE HERE)
6. क्यों न क्वीन विजेता का फैसला कर दें
लंदन और कॉमनवेल्थ देशों में मैच हो और फाइनल इस तरह फंस जाए तो ये भी कर सकते हैं क्वीन विजेता का फैसला कर दें. यानी वो जिस टीम को ज्यादा पसंद करेंगी उसी को ट्रॉफी मिल जाएगी. लेकिन अगर फाइनल में इंग्लैंड भी हो तो फैसला शशि थरूर को करना चाहिए, क्योंकि उनकी अंग्रेजी अच्छी है.
7. जिस टीम में ज्यादा उम्र के खिलाड़ी होंगे उनका जीत पर ज्यादा हक होगा. क्योंकि रिटायर होने वालों को फेयरवेल भी तो देना है..
8. अक्कड़ बक्कड़ बंबे बू, 80-90 पूरे सौ, सौ में लगा धागा, चोर निकल निकल कर भागा... ये वाला भी कर सकते हैं...
9. ऐसे अगर आईसीसी चाहता तो इस मैच का एक और तरीके से फैसला कर सकता था, वो ये कि केन विलियम्सन और मॉर्गन के 10th बोर्ड एग्जाम के परसेंटेज से. जिसे ज्यादा नंबर आया वो जीता. हालांकि ये भी चेक करना होगा कि किसी के पास फर्जी डिग्री न हो.
10. क्यों न जिसके ज्यादा सपोर्टर वो विजेता
अब जिस तरह संसद में जिसके पास ज्यादा सांसद उसकी सरकार, ठीक उसी तरह स्टेडियम में जिसके ज्यादा सपोर्टर होंगे उसे तुरंत वोटिंग के जरिए विजेता घोषित किया जाएगा... यहां ये देखना होगा कि कहीं कोई हॉर्स ट्रेडिंग ना करे.. वैसे सपोर्टर के हिसाब से देखें तो सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया के किसी भी देश में वर्ल्ड कप होगा तो चैंपियन अपन ही बनेंगे.
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