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मोदी सरकार आने के बाद वाराणसी घाट की ‘बिफोर-आफ्टर’ फोटो है FAKE !

पोस्ट में दिखाई गयी दोनों तस्वीरों में से एक भी वाराणसी की नहीं है

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"इस तरह मोदी ने वाराणसी को एक साल में बदल दिया" टैगलाइन के साथ 'वाराणसी' घाट की पहले और बाद की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक उनकी तारीफ करने वाले कैप्शन के साथ इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि इस पोस्ट में दिखाई गयी दोनों तस्वीरों में से एक भी वाराणसी की नहीं है.

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पोस्ट में दिखाई गयी दोनों तस्वीरों में से एक भी वाराणसी की नहीं है

तस्वीरें असली, जानकारी फर्जी

'सोशल मीडिया होक्स स्लेयर' ने अपनी जांच में पाया है कि सोशल मीडिया में फैलाई जा रही ये तस्वीर भ्रामक है. पहली बात, ये फोटो वाराणसी के घाटों की नहीं है, बल्कि उज्जैन के घाट का है. और दूसरा, जो नदी दिखाई गयी है, वो गंगा नहीं, बल्कि शिप्रा नदी है.

"The Youth" is misguiding Indian Youths with lies. This photo is of Shipra River, Ujjain, which was cleaned for Kumbh...

Posted by Hoax Slayer on Sunday, February 26, 2017
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उज्जैन में शिप्रा नदी के घाटों की पहले और बाद की तस्वीरों को पहली बार अप्रैल 2016 में सर्कुलेट किया गया था, इस घाट की साफ-सफाई और मरम्मत का काम कुंभ मेले से पहले किया गया था. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में इसका जिक्र है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ मेला से पहले पूरे उज्जैन शहर में बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें घाटों तक जाने वाली गलियों और शहर की सड़कों को शामिल किया गया था. उस दौरान सफाई अभियान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गई थीं.

एक महीने तक चलने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2016 में 22 अप्रैल को शुरू हुआ था. जिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इन असली तस्वीरें को पहले देखा था, उन्होंने भी इस झूठे दावे का खुलासा किया है.

(इनपुट: सोशल मीडिया होक्स स्लेयर और दैनिक भास्कर)

देखें वीडियो - आप जो फर्जी WhatsApp मैसेज भेजते हैं न, वो किसी की जान ले सकते हैं

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