16 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर्स में क्लाइमेट चेंज पर भाषण दिया. अपने भाषण में ग्रेटा ने दुनियाभर के नेताओं पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया. एस्पर्गर सिंड्रोम से पीड़ित ग्रेटा के इस भाषण की सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने तारीफ की, लेकिन एक सेक्शन ऐसा भी है, जिसे ग्रेटा का पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए लड़ना अच्छा नहीं लग रहा है.
ग्रेटा की स्पीच वायरल होने के बाद ट्विटर पर कई लोगों ने उनकी आलोचना की. एक सिंड्रोम से पीड़ित बच्ची की इतनी पॉवरफुल स्पीच कुछ लोगों को ओवरएक्टिंग लगी.
दुनिया को पर्यावरण के लिए जागरुक कर रही ये 16 साल की लड़की किसी को इरिटेटिंग लगी तो किसी को ओवररेटेड.
यूजर्स ने दिया ग्रेटा की आलोचना करने वालों को जवाब
हालांकि ग्रेटा की आलोचना करने वाले इन लोगों को बाकी सोशल मीडिया यूजर्स ने अच्छे से जवाब दिया. एक यूजर ने लिखा, ‘ग्रेटा थनबर्ग को एस्पर्जर सिंड्रोम है. वो 16 साल की हैं और क्लाइमेट चेंज को लेकर हमें जागरुक करने के लिए वो पूरी कोशिश कर रही हैं. ये काफी शर्मनाक है कि कुछ लोग उन्हें इरिटेटिंग कहते हुए ट्वीट कर रहे हैं.’
एक यूजर ने अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोलते हुए कहा, ‘वास्तव में ऐसे लोग हैं जो पृथ्वी को बचाने के लिए एक बच्ची पर गुस्सा कर रहे हैं, लेकिन इसे नष्ट करने की कोशिश करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पर नहीं.’
‘हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां एडल्ट एक 16 साल की लड़की से डरे हुए हैं क्योंकि वो उन्हें आईना दिखा रही हैं.’एक यूजर ने लिखा
ग्रेटा को मिला प्रियंका चोपड़ा, रोहित शर्मा का साथ
‘’मुझे इस वक्त यहां नहीं, बल्कि स्कूल में होना चाहिए था. आप सब हम युवाओं के पास उम्मीद के लिए आए. आपकी हिम्मत कैसे हुई? आपने अपने खोखले शब्दों से मेरे सपने चुरा लिए, मेरा बचपन चुरा लिया. फिर भी मैं भाग्यशाली हूं, लोग त्रस्त हैं, लोग मर रहे हैं. पूरा ईको सिस्टम तबाह हो रहा है.’’ग्रेटा ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी स्पीच में कहा
ग्रेटा की तारीफ करते हुए रोहित शर्मा ने लिखा, ‘ग्रेटा आप प्रेरणा हैं. अब कोई बहाना नहीं बचा है. हमें भविष्य की पीढ़ियों को एक सुरक्षित पृथ्वी देनी है. बदलाव का समय अब आ गया है.’
प्रियंका चोपड़ा ने ग्रेटा को शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘अपनी जेनरेशन को साथ लाने और हमें ये बताने के लिए कि हमें अभी बहुत कुछ करना है, इसके लिए शुक्रिया ग्रेटा. आखिर में, हमारे पास केवल एक ही प्लैनेट है.’
ग्रेटा थनबर्ग स्वीडन की रहने वाली 16 साल की क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट हैं. अगस्त 2018 में उन्होंने स्वीडन की संसद के बाहर अपना विरोध शुरू किया था.
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