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नौकरी के लिए कैसा हो आपका पर्फेक्ट CV? इन बातों का रखें ख्याल 

प्रभावशाली सीवी तैयार करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

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जमाना मार्केटिंग का है. इसलिए मार्केटिंग के इस युग में खुद को एक उत्पाद समझें और अपने सीवी को मार्केटिंग का उपकरण. सीवी में जितने प्रभावशाली ढंग से आप खुद को प्रस्तुत करेंगे, नौकरी मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. प्रभावशाली सीवी तैयार करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या हैं वो बातें? आइए जानते हैं-

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वास्तविक लगे:


आपका सीवी स्पष्ट और सारगर्भित होना चाहिए. अकसर लोग सीवी में गुमराह करने वाली जानकारियां डाल देते हैं, जो इंटरव्यू के दौरान सामने आ जाती हैं. अपने झूठ और चालाकी की वजह से आप रेस से बाहर हो सकते हैं. इसलिए उसमें अपने अनुभव, हुनर, उपलब्धियों और काम से जुड़े मजबूत पक्ष को वास्तविक रूप में प्रस्तुत करें.

अपने बारे में बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर न बताएं. आवश्यकता से अधिक व्यक्तिगत जानकारियां न दें. न ही शैक्षणिक ब्यौरे और पिछली नौकरियों की समयावधि में कोई हेर-फेर करें.

वर्तमान नौकरी में मिल रहे वेतन और सुविधाओं को बढ़ा-चढ़ा कर न बताएं.

रेडीमेड नहीं टेलरमेड हो

अकसर लोग किसी वेबसाइट को देखकर या किसी दोस्त के सीवी को आधार बना कर अपना सीवी बना लेते हैं और हर जगह उसी सीवी को भेजते रहते हैं. यह गलत है. एक जैसा सीवी हर मौके पर नहीं चल सकता. जिस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं, उस पद की जरूरतों के मुताबिक सीवी में बदलाव किए जाने चाहिए.

मूलरूप से तीन बातें सीवी में होनी चाहिए. पहली आपका व्यक्तित्व, दूसरी जिस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं, उसके लिए आपकी योग्यता और तीसरी जिस कंपनी के लिए आवेदन कर रहे हैं, वहां आप कैसे उपयोगी हो सकते हैं.
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आकर्षक लेआउट

सीवी का लेआउट साफ और सादा होना चाहिए. मैटर को जगह-जगह बोल्ड, इटेलिक या अंडरलाइन नहीं करना चाहिए. इससे पढ़ने में दिक्कत महसूस होती है. फॉन्ट भी स्टाइलिश व फैंसी नहीं होना चाहिए. फॉन्ट साइज न बहुत बड़ा हो और न ही बहुत छोटा. हैडिंग 12 और मैटर 10 पॉइंट में ठीक दिखता है. सही फॉन्ट इस्तेमाल न करना आपके गैरपेशवर रुख को दर्शाता है.

लंबाई पर दें ध्यान

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जब एक नौकरी के लिए हजारों में आवेदन आना सामान्य सी बात है, तो खुद ही सोचिए कि क्या कोई आपकी रामायण पढ़ेगा? इसलिए अंग्रेजी कहावत शॉर्ट इज स्वीट को गुनिए और अपने सीवी को संक्षिप्त करने में जुट जाइए.

आपका अनुभव पच्चीस महीने का हो या पच्चीस साल का, किसी भी स्थिति में सीवी 2 पेज से अधिक नहीं होना चाहिए.

ध्यान रखें कि सीवी का मकसद पढ़ने वाले का ध्यान उन बिंदुओं की ओर खींचना होता है, जिनके जरिए आवेदक अपनी उम्मीदवारी बेच रहा होता है.

न दिखे गैप

आपके सीवी में दो नौकरियों के बीच में फासला (गैप) नहीं दिखना चाहिए. फासला दिखते ही नियोक्ता के मन में संदेह उत्पन्न होता है और आपकी उम्मीदवारी कमजोर पड़ जाती है. इस स्थिति में आप सीवी में उस समय को कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम जॉइन करने, किसी स्वयंसेवी संस्था से जुड़ने या कोई प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए ब्रेक लेने के रूप में दिखा सकते हैं. इससे गैप भी भर जाएगा और आपकी अन्य गतिविधियों के बारे में भी नियोक्ता को पता चल जाएगा.

कवरिंग लैटर

अगर सीवी पर लगा कवरिंग लैटर भी वही बातें कहेगा, जो सीवी में बताई गई हैं, तो ये बातें आपकी उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं जाएंगी. इसलिए कवरिंग लैटर सीवी में दी गई जानकारियों से थोड़ा अलग होना चाहिए. लैटर में इस बात का जिक्र करना चाहिए कि कैसे आप दूसरे आवेदकों से अलग हो सकते हैं. अपनी योग्यता, क्षमताओं के साथ-साथ कंपनी के प्रति आपकी सकारात्मक सोच और विश्वास भी दिखना चाहिए. आपके व्यक्तित्व और महत्वकांक्षा की झलक भी कवरिंग लैटर में मिलनी चाहिए.

न हो प्रूफ की गलतियां

सीवी में प्रूफ की गलतियां बिलकुल नहीं होनी चाहिए. इसका बुरा असर पड़ता है. इसलिए सीवी बनाने के बाद उसे एक बार ध्यान से जरूर पढ़ें. देखें कि उसमें व्याकरण संबंधी कोई गलती तो नहीं है. वाक्य अनावश्क बड़े और उलझे हुए तो नहीं हैं.

संपर्क से जुड़ी जानकारी

सीवी में सबसे ऊपर दाएं हाथ की ओर अपना पता, फोन नंबर और ईमेल आईडी दें. अगर सीवी एक पेज से ज्यादा है तो हर पेज पर यह जानकारी देनी चाहिए.


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(करियर काउंसलर डॉ. सुशील कुमार पारे से बातचीत पर आधारित)

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