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सिर्फ कांग्रेस नहीं, राइट विंग के भी कई पेज Facebook से हटे

इन राइट-विंग और प्रो-बीजेपी पेजों के एडमिन सोशल मीडिया पर अकाउंट ब्लॉक होने की शिकायत कर रहे हैं.

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फेसबुक ने हाल ही में 'कॉर्डिनेटेड इनऑथंटिक बिहेवियर' के कारण कांग्रेस पार्टी और आईटी कंपनी सिल्वर टच के करीब 702 पेज और अकाउंट्स को हटाया है. फेसबुक ने बताया कि ये पेज गलत जानकारी देने वाले थे और इन्हें चलाने वाले लोग एक-दूसरे से कॉर्डिनेट कर रहे थे.

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हालांकि, ऐसा लग रहा है कि फेसबुक ने इसके अलावा राइट-विंग समर्थक पेजों और अकाउंट्स को भी प्लेटफॉर्म से हटाया है. इसमें पोस्टकार्ड न्यूज और माईनेशन जैसे बड़े प्लेटफॉर्म शामिल हैं. इन राइट-विंग और प्रो-बीजेपी पेजों के एडमिन सोशल मीडिया पर अकाउंट ब्लॉक होने की शिकायत कर रहे हैं.

फेसबुक ने अपने बयान में कहा कि इन अकाउंट्स को कम्यूनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर हटाया गया है. सभी अकाउंट-पेजों को उनके कंटेंट के आधार पर नहीं, बल्कि उनके बिहेवियर के आधार पर हटाया गया है.

इन राइट-विंग पेजों से जुड़े लोगों ने फेसबुक के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया है. लोगों ने फेसबुक से इस एक्शन के पीछे का कारण पूछा है. कई लोगों ने फेसबुक पर चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक ने इन पेजों को अनपब्लिश, ब्लॉक या डिस्क्रिमिनेट्री नोटिस जारी किया है. जर्नलिस्ट अभिजीत अय्यर मित्रा ने ट्विटर पर कहा कि वो अपने वकीलों से सलाह ले रहे हैं कि क्या ये देशद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए आधार है या नहीं.

AltNews के प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट किया कि Hindutva.info वेबसाइट चलाने वाले व्यक्ति ने कहा कि 15-20 करोड़ की लाइक वाले राइट-विंग पेजों को फेसबुक ने हटा दिया है. राघवेंद्र वर्मन नाम के व्यक्ति ने भी दावा किया कि उसका 20 लाख वाला फेसबुक पेज भी हटाया गया है.

द प्रिंट ने चंडीगढ़ के एक बिजनेसमैन राजेश जिंदल से बात की, जिनका पेज भी इस ‘क्लीन-अप’ का शिकार हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी वेबसाइट का बीजेपी या किसी भी दूसरी पार्टी के आईटी सेल से कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन उनके पेज पर काफी कंटेंट राष्ट्रवादी और राइट-विंग के सपोर्ट में था.

अमित मालवीय (बीजेपी आईटी सेल के हेड) खुशी मना रहे हैं, जबकि कांग्रेस से ज्यादा नुकसान हमें हुआ है. वो ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे उन्होंने कांग्रेस पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी हो, लेकिन जो कुछ हुआ है उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है.
राजेश जिंदल की द प्रिंट से बातचीत

फेसबुक ने सोमवार, 1 अप्रैल को अपना बयान जारी कर कई पेज और अकाउंट्स को प्लेटफॉर्म से हटाने की घोषणा की थी. फेसबुक ने बताया था कि उसने कांग्रेस से जुड़े 687 और सिल्वर टच के 15 पेजों के अलावा, स्पैम और मिसरिप्रेजेंटेशन के खिलाफ अपनी नीतियों का उल्लंघन करने के लिए इंडिया से 227 पेज और 94 अकाउंट भी हटाए हैं.

फेसबुक ने कहा कि ये पेज और अकाउंट “ऐसे व्यवहार में लिप्त थे जो स्पष्ट रूप से हमारी नीतियों का उल्लंघन करते हैं.”

फेसबुक ने बताया कि इन पेज के पीछे लोग एक ही नाम से फेक या कई अकाउंट बनाते थे. इसके बाद ये क्लिकबेट पोस्ट के जरिए यूजर्स को वेबसाइट तक लाते थे.

ये लोग इन क्लिकबेट पोस्ट को फेसबुक के अलग-अलग ग्रुप में भी शेयर करते थे. ये फेक लाइक और शेयर जेनरेट करने के लिए फेक अकाउंट्स बनाते थे. ये आर्टिफिशियल रूप से उनके अनौपचारिक पेजों और शेयर की जाने वाली पोस्ट के लिए लोगों को भ्रमित करता है, उनकी लोकप्रियता के बारे में लोगों को गुमराह करता है और न्यूज फीड में उनकी रैंकिंग में सुधार करता है.
फेसबुक का बयान

फेसबुक ने कहा कि ये 'कॉर्डिनेटेड इनऑथंटिक बिहेवियर' के कारण सस्पेंड किए गए 702 पेजों से अलग है. ये एक जैसा बिहेव करने वाले पेज और अकाउंट्स हैं, जो उनकी पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं.

(द प्रिंट के इनपुट के साथ)

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