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WhatsApp हैक खुलासे से खलबली,पत्रकारों ने पूछा-कौन करा रहा जासूसी

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व्हाट्सऐप ने एक इजरायली कंपनी पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि कंपनी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर व्हाट्सऐप के जरिए पत्रकारों, वकीलों, दलित एक्टिविस्ट और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की है. इस खबर के आने के बाद से सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप पर प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. कुछ ये तक कह रहे हैं कि अब व्हाट्सएप छोड़ने का वक्त आ गया है.

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पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा कि ‘जासूसी का ऑर्डर किसने दिया? अब वक्त आ गया है कि व्हाट्सएप डिलीट किया जाए’

पत्रकार सुधीर चौधरी ने बताया कि उनके सहयोगी का भी फोन हैक होन हुआ

द वायर के पत्रकार एमके वेणू ने लिखा- सरकार दे सफाई

पत्रकार सुहासिनी हैदर ने लिखा- व्हाट्सएप बताए जासूसी के पीछे कौन है?

डेविड के लिखते हैं कि- व्हाट्सएप ने एनएसओ को समन किया है, ये बहुत बड़ा मामला है

कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार के पारदर्शी प्रशासन पर साधा निशान

किसके इशारे पर हुआ काम?

व्हाट्सऐप के इस आरोप और केस दर्ज करने के बाद एनएसओ की तरफ से सफाई दी गई है. एनएसओ की तरफ से कहा गया है कि हमारे सॉफ्टवेयर को पत्रकारों और एक्टिविस्टों पर निगरानी के लिए डिजाइन और लाइसेंस नहीं दिया गया है.

एनएसओ का दावा है कि पेगसस को सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जाता है. हम अपने प्रोडक्ट को केवल लाइसेंस प्राप्त और वैध सरकारी एजेंसियों को ही देते हैं

सिर्फ एक मिस्ड कॉल और पूरी जानकारी लीक

बताया जा रहा है कि इसके लिए आरोपी कंपनी ने एक सॉफ्टवेयर पेगसिस का इस्तेमाल किया. इस सॉफ्टवेयर को किसी भी स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया जा सकता है. इससे सिर्फ एक व्हाट्सऐप मिस्ड कॉल की जाती है. सिर्फ इस मिस्ड कॉल से ही आपका मोबाइल फोन पूरी तरह दूसरे के कंट्रोल में चला जाता है. आपकी हर चैट, मैसेज, कॉन्टैक्ट, फोटोज और यहां तक कि आपके माइक्रोफोन को भी कंट्रोल किया जा सकता है.

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