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AC Blast:विजयनगर में 4 लोगों की मौत है अल्टिमेटम,एसी को जलने से बचाने के 10 उपाय

गर्मियों में कैसे करें अपने एसी का रखरखाव

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जो एसी (AC) हमें सुकून की नींद देता है, जरा सी गलती होने पर वह सबकी जान भी ले सकता है. ऐसा ही कुछ कर्नाटक के विजयनगर जिले में हुआ, जहां एयर कंडीशनर में विस्फोट के बाद आग लग गई और इस आग की चपेट में आकर चार जानें चली गईं. एसी में आग शॉर्ट सर्किट से लगी और तेज आवाज से एसी में विस्फोट भी हुआ.आग ने तेजी से पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया. जिस कमरे में एसी लगा था वहां सो रहे परिवार के चार लोगों की मौत हो गई.

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AC की वजह से किसी की जान जाने का यह पहला केस नहीं है. इससे पहले भी AC फटने से लोगों की जान गई हैं. एसी की वजह से सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याएं भी सामने आने लगती हैं. विजयनगर की इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि आखिर वे क्या प्रमुख वजहें जिनसे ठंडक पहुंचाने वाला एसी जान का दुश्मन बन जाता है.

इस समय गर्मी के दिन चल रहे हैं और ये ही वे दिन हैं जब AC में आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. AC पर डिपेंडेंसी बढ़ जाती है, इसके अलावा कूलर और इंवर्टर जैसे अन्य इक्विपमेंट के चलने से तारों पर दबाव बढ़ता है और इसी वजह से AC में ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है. यहां हम आपके लिए वे सब सावधानियां बताने वाले हैं, जिनको अमल में लाकर आप AC को अपने परिवार की जान का दुश्मन बनने से रोक सकते हैं.

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क्या सावधानियां बरतें

इंडियन एयरफोर्स में जेई रविंद्र कटारे AC की कार्यप्रणाली को अच्छे से समझते हैं, हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि एसी के ब्लास्ट होने या जलने का कारण हमारी ही काफी लापरवाहियां होती हैं. अगर हम ये लापरवाहियां न करें तो एसी के अचानक से ब्लास्ट होने का खतरा शून्य हो जाएगा. उन्होंने एसी के उपयोग को लेकर कुछ ये सावधानियां बताई हैं.

स्नैपशॉट

1- विंडो और स्पिलिट एसी यूज करते समय लोगों को खास ध्यान देना चाहिए. इनका फिल्टर विशेषज्ञ सलाह के हिसाब से नियमित तौर पर साफ करवाना चाहिए.फिल्टर साफ न होने से हीट बढ़ती है और चिंगारी उठने की आशंका बनी रहती है.

2- एसी जिस शॉकेट पर प्लग कर रहे हैं वहां के न्यूट्रल और फेज कनेक्शन दोनों ही अच्छी तरह से टाइट होने चाहिए. ढीले होने से स्पार्क हो सकता है.


3- डेढ़ टन के एसी के लिए हमेशा 4 एमएम मल्टीफ्लक्स के तार होना चाहिए. अगर एसी तक पॉवर पहुंचाने वाले वायर्स की मोटाई 4 एमएम से कम होगी तो उस तार के जलने या स्विच बोर्ड में चिंगारी उठने का खतरा हमेशा बना रहता है.


4- एसी के प्लग को कभी ऐक्सटेंशन कॉर्ड या बोर्ड के जरिए न चलाएं. एसी के लिए कम से 900 से 1200 वोट की इलेक्ट्रिक पावर चाहिए, जोकि कंप्यूटर और लैपटॉप की पावर जरूरत के हिसाब से बनाए इन एक्सटेंशन कॉर्ड से पूरी नहीं हेाती. एक्सटेंशन कॉर्ड से हम एसी चलाते हैं तो उस पर काफी ज्यादा लोड आता है और शॉर्ट सर्किट हो जाता है.

5- एसी की हर सीजन में रेगुलर सर्विसिंग बहुत जरूरी है. हर तीन महीने पर इसके सारे सिस्टम की दुरस्तगी की जांच जरूरी है. जिससे कोई गड़बड़ हो तो उसे वहीं रोक लिया जाए, दिक्कत तब होती है, जब बिना जांचे एसी को लंबे समय तक ऐसे ही यूज करे चले जाते हैं.


6- एसी के पॉवर प्लग के साथ लगा स्विच हमेशा आप की पहुंच में होना चाहिए. जिससे कि इमरजेंसी के वक्त आप हाल उसे ऑफ कर सकें. एसी के तार को हॉट सरफेस से हमेशा दूर रखें, क्योंकि गरम सतह और ज्यादा गरमी आग लगने का खतरा पैदा करती है.


7- एसी पर जमी गंदगी एसी के इक्विपमेंट को सुचारू रूप से काम से रोकती है. इस गंदगी-कचरे के वजह से एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने का खतरा बन रहता है.


8- ऐसी में मिनी सर्किट ब्रेकर का उपयोग जरूर करना चाहिए, यह ब्लास्ट होने के खतरे को काफी कम करता है.


9- एसी को पॉवर देने एल्युमिनियम का वायर बिल्कुल प्रयोग में नहीं लाना चाहिए. इसकी जगह कॉपर का वायर यूज करना ठीक रहता है. वायर में ज्वॉइंट भी नही होने चाहिए, जहां ज्वॉइंट होंगे, वहां पर जरूर स्पार्क होता रहता है.

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