APJ Abdul Kalam 8th death anniversary: देश में आज भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आठवीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है जो एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक (Scientist) थें. राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था और 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से निधन हो गया था.
राष्ट्रपति कलाम को मिले सम्मान
राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने साल 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. डॉ. कलाम को भारत और विदेशों के 40 से अधिक विश्वविद्यालयों व संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. वहीं डॉ कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.
पोखरण के परमाणु परीक्षण में निभाई मुख्य भूमिका
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 1992 से 1999 तक पीएम के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सचिव के रूप में काम किया. डॉ. कलाम ने ही भारत का पहला रॉकेट SLV-3 बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.
इसके अलावा पोखरण में परमाणु परीक्षण के दौरान प्रमुख भूमिका उन्होंने निभाई थी और भारत को परमाणु शक्ति बना दिया. आज डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि हम आपके लिए कुछ मैसेज, कोट्स लेकर आए है जिन्हें शेयर कर आप उन्हें याद कर सकते हैं.
APJ Abdul Kalam Quotes: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के कोट्स
1. कुछ चीजों को हम बदल नहीं सकते हैं, इसलिए उनको उस रुप में ही स्वीकार करना उचित होता है.
2. जीवन में सफलता का आनंद तभी आता है जब कोई सफलता कठिनाई से प्राप्त की जाती है.
3. देश का सबसे अच्छा दिमाग क्लासरूम के आखिरी बेंचों पर मिल सकता है.
4. एक महान शिक्षक बनने के लिए तीन बातें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं – ज्ञान, जुनून और करुणा
5. इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता है, जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.
6. सपने हमारे तभी तभी सच हो सकते है जब सपनो को पूरा करने के लिए अपनी नींद तक का त्याग कर दें.
7. जिस दिन हमारे सिग्नेचर आटोग्राफ में बदल जाए, उस दिन मान लीजिए आप कामयाब हो गए.
8. इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे.
9. मनुष्य के लिए कठिन हालात का होना बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बिना आप सफलता का आनंद नहीं ले सकते हैं.
10. यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं, तो कोई भी हमार सम्मान नहीं करेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)