प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वालों को फरवरी-मार्च महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है. अमूमन इसी दौरान अप्रेजल फॉर्म एंप्लाइज के हाथों में होता है. यही वो मौका होता है, जब कोई अपने कामों को सही तरीके से प्रजेंट कर तरक्की की राह आसान कर सकता है.
अप्रेजल फॉर्म भरने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती, इस बारे में हम कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.
1. ज्यादा जिम्मेदारी वाले कामों की लिस्ट बनाएं
अप्रेजल फॉर्म भरने से पहले आप उन सारे महत्वपूर्ण कामों की लिस्ट बनाएं, जिन्हें आपने बेहतर तरीके से पूरे किए हों. एक-एक कर सब पर विचार करें. इसके बाद फॉर्म के जिस भाग में उन कामों का ब्योरा मांगा गया हो, वहां सबसे पहले ज्यादा महत्व वाले कामों का जिक्र करें. कम महत्व की चीजों का जिक्र क्रम में नीचे करना ठीक रहता है. साथ ही इस बात का भी खयाल रखें कि कुछ भी बढ़ा-चढ़कार न लिखा गया हो.
2. सेल्फ रेटिंग कैसे करें?
अप्रेजल फॉर्म में कई लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी सेल्फ रेटिंग वाले कॉलम भरने में होती है. ज्यादातर कंपनियां के फॉर्म में एक कॉलम होता है, जिसमें कई पैमानों पर कर्मचारियों से अपने लिए रेटिंग (A/AA/AAA/AAAA) करने को कहा जाता है. दूसरे कॉलम में उन्हीं पैमानों पर टीम मैनेजर को भी एंप्लाइज को ग्रेड देना होता है.
कई बार लोग उलझन में पड़ जाते हैं कि अपनी रेटिंग हाई की जाए या फिर कॉलम को पूरी ईमानदारी से भरा जाए.
इस बारे में ज्यादातर ‘एक्सपर्ट्स’ का मानना है कि अपने काम को कभी कम नहीं आंकना चाहिए. इसकी वजह ये है कि जब अपनी रेटिंग खुद ही कम करेंगे, तो फिर बाद में मैनेजमेंट से अच्छे ग्रेड पाने की उम्मीद किस तरह करेंगे?
लेकिन सभी पैमानों की ग्रेडिंग करते समय संतुलन जरूर बिठाया जाना चाहिए, जिससे ये बनावटी न लगे.
3. भविष्य के लिए आइडिया जरूर बताएं
वैसे फॉर्म के ज्यादातर कॉलम में उन्हीं कामों का जिक्र करना होता है, जिन्हें आपने पूरे साल किए हैं. लेकिन कुछ स्पेशल प्लान तैयार कर सही जगह पर उनका जिक्र जरूर करें, जिन्हें आप आने वाले दिनों में अंजाम देना चाहते हों. उन कामों की जिम्मेदारी आपको दी जाएगी या नहीं, ये अलग बात है. लेकिन कम से कम इतना तो जाहिर होगा कि आपके पास भविष्य को लेकर कुछ योजनाएं हैं.
4. पॉजिटिव दिखना जरूरी
फॉर्म में जितनी बातें लिखी गई हों, उनसे आपका पॉजिटिव नजरिया झलकना बेहद जरूरी है. मैनेजमेंट से बातचीत के दौरान आप पूरी ईमानदारी से अपनी कमियों का जिक्र कर सकते हैं.
मैनेजमेंट से चर्चा के दौरान ये भी जरूर बताएं कि अपनी कमियों को आप कैसे और कब तक दूर करेंगे. साथ ही इस बारे में आपको मैनेजमेंट से किस तरह के सहयोग की जरूरत होगी.
5. दूसरों की कमियां न गिनवाएं
फॉर्म के किसी भी कॉलम में या मैनेजमेंट से बातचीत के दौरान, अपने साथ काम करने वालों की कमियां गिनवाने की कोशिश न करें. इससे मैनेजमेंट में आपकी नकारात्मक छवि बनने की आशंका बढ़ेगी. जहां तक मुमकिन हो, अपने ही मजबूत पक्ष पर फोकस रखें और कायदे से अपनी बात कहें.
6. फॉर्म में साफ-सफाई जरूरी
फॉर्म में जितनी बातें लिखें, साफ-साफ लिखें. लिखी बातों को काट-पीट करने या ओवरराइटिंग से बचें. जहां जरूरी हो, व्हाइटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
सबसे अच्छा तरीका ये है कि जो कुछ लिखना हो, पहले उसे किसी दूसरे कागज पर रफ कर लें. इसके बाद सावधानी के साथ फॉर्म भरें. ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त भी स्पेलिंग आदि का खास खयाल रखें.
7. कंपनी को आपकी जरूरत क्यों है?
अप्रेजल के वक्त आप मैनेजमेंट को इस बात का एहसास करा सकते हैं कि कंपनी में आपकी जरूरत क्यों है. आपमें ऐसी कौन-सी बात है, जो आपको औरों से अलग करती है. साथ ही भविष्य में कंपनी के साथ बने रहने से कंपनी का क्या हित हो सकता है.
अगर आपके हाथों में अप्रेजल फॉर्म आने ही वाला हो, तो हमारी ओर से बेस्ट ऑफ लक...
(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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