ADVERTISEMENTREMOVE AD

'औरंगजेब नायक या खलनायक' रिव्यू: मुगल बादशाह पर किताब

aurangzeb nayak ya khalnayak की ये तीसरी सीरीज है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) के बारे में इतिहास में काफी कुछ लिखा गया है, उसकी हकीकत क्या है, इसे ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर 'औरंगजेब नायक या खलनायक' सीरीज की तीसरी किताब लॉन्च हुई है. इस किताब के लेखक हैं अफसर अहमद. लेखक ने मुगल बादशाह औरंगजेब पर छह पुस्तकों की सीरीज लिखने का दावा किया था, जिसमें उसके तीन खंड प्रकाशित भी हो चुके हैं और चौथे पर काम चल रहा है. पहला बचपन से लेकर सत्ता संधर्ष, दूसरा भाग सत्ता संघर्ष और अब तीसरा वोल्यूम औरंगजेब बनाम राजपूत प्रकाशित हुआ है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इस तीसरे खंड में लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि औरंगजेब ने जो भी युद्व किए वे न तो इस्लाम के लिए किए थे और न ही किसी दूसरे धर्म के खिलाफ किए. ये सभी जंग अपनी सत्ता को मजबूत करके राज्य के विस्तार के लिए लड़ी गईं.

औरंगजेब जानता था कि बिना लड़ाई के न तो सत्ता को ताकतवर बनाया जा सकता है और न ही विस्तारित. औरंगजेब ने ऐसे कई राजपूत राजाओं का साथ पाकर मुस्लिम राजाओं के खिलाफ जंग लड़ीं और जीतीं भीं. लेखक ने पुख्ता एतिहासिक स्त्रोतों के आधार पर मुगल और राजपूतों खासकर औरंगजेब से संबंधों को भी दर्शाया है.

लेखक ने इस पुस्तक को लिखने से पहले बहुत सारे स्त्रोतों को जमा किया, जिनमें जहांगीर, शाहजहां, दारा शुकोह, शुजा, मुस्लिम वजीर, राजपूत राजाओं के पत्र शामिल हैं, जिन्हें प्रकाशित किया है. इसके अलावा समकालीन इतिहाकारों से लेकर वर्तमान के इतिहासकारों को भी कोट किया है, जिनमें कई विदेशी इतिहासकार भी शामिल हैं, जो इस बात का सुबूत हैं कि बात को रखने के लिए पूरे साक्ष्य जुटाए गए हैं. इससे ये पता चलता है कि लेखक ने उन बातों को पुस्तक में रखने का प्रयाय किया है जो इतिहासिक रूप से कहीं न कहीं घटित हुई हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×