उत्तर भारत में बसंत पंचमी का त्योहार आज धूमधाम से मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही मां सरस्वती का अवतरण हुआ था. जिसके कारण आज का दिन कला और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है. बसंत पंचमी के दिन लोग अपने-अपने घरों में माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं. इस पर्व को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों पर फूल आने के दिन के रूप में मनाया जाता है. बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है .
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, बसंत पंचमी (Vasant Panchami) के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था. यही कारण है कि इस माता की पूजा की जाती है. एक पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की. उन्होंने पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य बनाए, लेकिन उन्हें लगा कि रचना में अभी कुछ कमी रह गई. जिसके बाद ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई. उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था. ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने के लिए कहा. वीणा बजते ही ब्रह्मा जी की बनाई हर चीज में स्वर आ गया. तभी ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया.
Vasant Panchami 2020: Wishes, Images and Status
बसंत पंचमी के दिन को नए काम की शुरुआत के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना भी शुभ होता है. इतना ही नहीं, इस दिन पीले पकवान बनाना भी उत्तम होता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)