ADVERTISEMENTREMOVE AD

Bhagat Singh की जयंती पर शेयर करें उनके यें 10 क्रांतिकारी विचार व ईमेज

Bhagat Singh's 10 Quotes: भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ आज 28 सितंबर को मनाई जा रही है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ आज 28 सितंबर को मनाई जा रही है. आज ही के दिन 1907 में शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म पाकिस्तान के लायलपुर स्थित बंगा गांव में हुआ था. उनके मां का नाम विद्यावती और पिता का नाम किशन सिंह है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भगत सिंह को 23 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी शासकों ने असेंबली में बम फेंकने के आरोप में 23 मार्च साल 1931 को उनके क्रांतिकारी साथियों राजगुरु (Rajguru) और सुखदेव (Sukhdev) के साथ फांसी पर लटका दिया था. आज भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ पर हम आपके लिए उनके कुछ कोट्स, मैसेज लेकर आए हैं जो युवा पीढ़ी को प्रेरित करते है.

Bhagat Singh's 10 Quotes: भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ आज 28 सितंबर को मनाई जा रही है.
Shaheed Bhagat Singh Quotes.
(फोटो: Quint Hindi)  
0

Bhagat Singh's 10 Quotes

  • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है.

  • जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.

  • जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है, उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी.

  • राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आज़ाद है.

  • कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे.

Bhagat Singh's 10 Quotes: भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ आज 28 सितंबर को मनाई जा रही है.
Shaheed Bhagat Singh Quotes in Hindi.
(फोटो: Quint Hindi)  
ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • व्यक्तियों के कुचलकर वे विचारों को नहीं मार सकते.

  • बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है.

  • प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्‍तों को अक्‍सर लोग पागल कहते हैं.

  • क्रांति मानव जाति का अपरिहार्य हक है, आजादी सबका कभी ना खत्म होने वाला जन्मसिद्ध अधिकार है.

  • अगर धर्म को अलग कर दिया जाए, तो राजनीति पर हम सब इकट्ठे हो सकते हैं, धर्मों में हम चाहे अलग-अलग ही रहे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×