Children’s Day 2021 Speech, Essay, Nibandh, Bhashan: देश में 14 नवंबर को पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती जाएगी. इस दिन को बाल दिवस (Bal Diwas) के रूप में भी मनाया जाता है.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म सन् 1889 में हुआ था, उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था और बच्चे भी नेहरू जी को चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे इसलिए ये खास दिन बच्चों को समर्पित होता है.
इस दिन स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. हम आपकों बता रहें है नेहरू जी के इस जन्मदिन पर आप निबंध, भाषण व स्पीच कैसे और किन विषयों पर तैयार करें.
Speech On Childrens Day In Hindi: बाल दिवस पर भाषण
बाल दिवस पर भाषण के लिए पहले स्टेज पर जाएं,
स्टेज पर पहुंचते ही बोलें भारत माता की जय...
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को मेरा नमस्कार...
अब सबसे पहले, मैं आपको बताता हूं कि हम 14 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाते हैं ?
भारत में, हम 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में बाल दिवस मनाते हैं.
भारत के पहले प्रधान मंत्री नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था.
इस प्रकार, हम उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाते हैं.
नेहरू जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
आजादी के बाद वो भारत के पहले प्रधान मंत्री बनें.
नेहरू जी को बच्चे बेहद प्यार करते थे इसलिए उन्हें "चाचा नेहरू" कहकर पुकारते है.
उन्होंने बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने के लिए कार्य किया.
इसके बाद आप अपना स्पीच खत्म करने से पहले बोले "मैं आप सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देना चाहता हूं! आप सभी को धन्यवाद.
बाल दिवस के दिन इन विषयों पर तैयार कर सकते स्पीच
बाल दिवस बच्चों के लिए क्यों है खास.
चिल्ड्रंस डे कैसे मनाते हैं.
बच्चों के क्या अधिकार हैं.
नेहरू को क्यों पुकारते हैं चाचा नेहरू.
बाल दिवस कविता
बाल दिवस है आज साथियों,
आओ खेलें खेल, जगह-जगह पर आज मची है,
खुशियों की रेलमपेल, वर्षगांठ चाचा नेहरू की,
फिर से आई है आज, उन जैसे नेता पर पूरे भारतवर्ष को है नाज.
दिल से इतने भोले थे वो, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से थे वे सदा जवान,
हमने उनसे मुस्काना सीखा, सारे संकट झेल,
हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐसा सुख संसार,
जहां भाई-भाई हों सभी, छलकता रहे प्यार.
न हो घृणा किसी ह्रदय में, न द्वेष का वास,
न हो झगड़ा कोई, हो अधरों का हास,
झगड़े नहीं परस्पर कोई, सभी का हो आपस में मेल,
पड़े जरूरत देश को, तो पहन लें हम वीरों का वेश,
प्राणों से बढ़कर प्यारा है हमें अपना देश,
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल कर नाक नकेल,
बाल दिवस है आज साथियों, आओ खेलें खेल.
(सोर्स- https://www.hindiparichay.com)
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