नौकरी खो देना किसी भी शख्स के लिए बड़ी बात है. लेकिन हम आप से कहे कि नौकरी खो देने पर तलाक हो जाने से या दिल टूट जाने से ज्यादा दुख होता है तो शायद आपको भरोसा नहीं होगा.
नौकरी जाने का गम सबसे भयंकर
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 40 हजार रिसर्च पेपर्स के रिव्यू से पता चलता है कि नौकरी खो देने के बाद फिर से मेंटल हेल्थ सही कर पाने और जिंदगी में संतुष्ट होने में ज्यादा समय लगता है. ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी की समीक्षा के मुताबिक नौकरी खो देने की बजाय पार्टनर के निधन या तलाक हो जाने के बाद लोग जल्द ही फिर से जिंदगी में संतुष्टि हासिल कर लेते हैं.
नौकरी खो देने वाले लोग अगले कई सालों तक दुखी रहते हैं. जब तक उन्हें ज्यादा सैलरी या प्रतिष्ठा वाली नौकरी नहीं मिलती, वो फिर से सामान्य जिंदगी में वापस नहीं आ पाते हैं. वहीं अपने पार्टनर को खो चुके लोग इसकी बजाय जल्दी अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आ जाते हैं.
एक रिसर्च के मुताबिक ब्रिटिश लोग अपना पार्टनर खोने के 2 साल बाद और रिश्ता टूटने के 4 सालों के बाद नॉर्मल जिंदगी जीने लगते हैं. लेकिन एक नौकरी के खोने के बाद दोबारा नॉर्मल जिंदगी में आने के लिए उन्हें 4 सालों से ज्यादा का समय लगता है.
यहां एक बात और खास है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को दोबारा सामान्य जिंदगी में लौटने में ज्यादा समय लगता है.
सामान्य जिंदगी में लोग अपने काम और सहयोगियों से मिलने वाले सामाजिक समर्थन की ज्यादा परवाह करते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के आधे पेशेवर लोग अपनी नौकरी से संतुष्ट हैं. वहीं महज 25 फीसदी को ही अपनी नौकरी अच्छी नहीं लगती है.
रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर नए नौकरीशुदा लोगों पर ही निकाले जाने का ज्यादा खतरा होता है. परिवार और दोस्तों की मदद से नौकरी से निकाले जाने के बाद के प्रभावों से निकलने में मदद मिलती है.
Source: ब्लूमबर्ग
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