कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा हिंदू धर्म के लोगों के साथ ही सिख धर्म के लोगों के लिए भी खास होती है. इस दिन सिखों के पहले गुरु नानकदेव की जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जाती है. लोग गुरु नानक के जन्मदिन को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव की 550वीं जयंती इस साल 12 नवंबर को मनाई जा रही है.
नानकदेव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था. यह जगह वर्तमान में पाकिस्तान में है. इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है. गुरु नानक का जन्म माता तृप्ता और पिता कल्याणचंद के घर हुआ था. कई चमत्कारिक घटनाओं के कारण नानक 7-8 साल की उम्र में ही प्रसिद्ध हो गए थे.
गुरु पूर्णिमा की तिथि
पूर्णिमा तिथि 11 नवंबर 2019 को शाम 6 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि अगले दिन यानी 12 नवंबर को 7 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
गुरु नानक जयंती का महत्व
गुरु नानक जयंती को गुरु नानक दिवस के रूप में मनाते हैं. माना जाता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को ही गुरु नानक की का जन्म हुआ था. कहा जाता है कि नानक साहिब का मन सांसारिक कामों में नहीं लगता था, वह ईश्वर की भक्ति और सत्संग आदि में ज्यादा रहते थे. मात्र 8 साल की उम्र में ही उनका स्कूल भी छूट गया था. भगवान के प्रति समर्पण देखकर लोग इन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे.
उनकी जयंती पर सिख समुदाय के लोग लंगर, नगर कीर्तन और सभाएं करते हैं.
गुरु नानक देव की शिक्षाएं
- परमपिता परमेश्वर एक है.
- हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ.
- दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं.
- ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता.
- ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए.
- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं.
- हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें.
- मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें.
- सभी को समान नजरिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं.
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