अगर आप ये जानना चाहते हैं कि हम एक दूसरे से कैसे मिले, तो ये बस किस्मत या संयोग की बात है.
मैं एक मुश्किल दौर से गुजर रही थी. मेरी पहली शादी टूटने के कगार पर थी और मैं अलग होने के बारे में सोच रहा थी. उस वक्त मैंने अपने पुराने दोस्तों से दोबारा मिलने के बारे में सोचा. इंसान सामाजिक प्राणी है. और जब आपका एक खास रिश्ता कमजोर पड़ रहा होता है, आप अपने आस-पास लोगों से जुड़े रहना चाहते हैं.
शुरुआत में हम 6 महीने में एक बार मिलते थे पर उस वक्त हमारी बातचीत बढ़ गई और हम जल्दी-जल्दी से मिलने लगे. आनंद एक इंटेलिजेंट, धैर्यवान और सीधा-सादा बंदा है.शायद यही बात थी जिसने मुझे उसकी ओर खींचा.
आनंद ने पहले कुछ लड़कियों को डेट किया था पर कहीं भी कमिटमेंट नहीं कर सका था. मैं खुद एक रिश्ते से बाहर आ रही थी, ऐसे में एक और रिलेशनशिप के बारे में सोचना मुमकिन नहीं था. हमने तय किया कि हम दोस्त रहेंगे और देखेंगे कि ये दोस्ती हमें कितनी दूर तक ले जाती है. मुझे लगता है वो हमारी जिंदगी का सबसे बेहतर निर्णय था. हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा महसूस करते थे. और उससे भी खास बात हमें कुछ और होने का दिखावा नहीं करना होता था. मैं उसके सामने मैं थी और वो मेरे सामने वही था. किसी भी रिश्ते के लिए सबसे जरूरी बात शायद यही है.
क्योंकि हम दोस्त थे तो साथ में काफी मस्ती करते थे, फिल्में देखने जाते थे, फूड फेस्टिवल्स जाते थे. एक साथ कई शहर देख डाले थे हमने. पर ये समझने में हमें थोड़ा वक्त लगा कि अब हम सचमुच ‘साथ’ थे. और अब मैं उसके बिना जीने के बारे में सोच भी नहीं सकती.
तो मैं अपने बारे में क्या कहूं? हमारी शादी को एक साल हो चुका है और उससे पहले एक साल तक हम साथ ही रह रहे थे. प्यार में पड़े किन्हीं भी दो लोगों की तरह हमारे रिश्ते में भी उतार चढ़ाव आते हैं. पर मैं आसानी से कह सकती हूं कि हमारा रिश्ता अब पहले से कहीं ज्यादा स्थिर है. मैं चिढ़ जाती हूं जब आनंद बहुत काम करता है और मेरे सोशल कमिटमेंट्स पर मुंह बनाता है. पर सब से खूबसूरत यही है कि दिन भर के काम के बाद आप उस शख्स के पास घर वापस लौटते हैं जिसे आप प्यार करते हैं, जिसकी आप परवाह करते हैं.
जरा सोचिए, हमने अपनी एनिवर्सरी एक डॉक्युमेंट्री देखते हुए मनाई, अगर आप एक पढ़ाकू इंसान से शादी करते हैं तो आपको कुछ ऐसी ही कीमत चुकानी पड़ती है. मज़ाक कर रही हूं!
आनंद को सुबह उठते ही मेरे हाथ की एक कप चाय चाहिए होती है. अदरक वाली चाय. हम दोनों मिल कर अपने माता-पिता के लिए भी वक्त निकालते हैं. हम उन्हें पिकनिक पर ले जाते हैं. आनंद को मेरी पहली शादी से हुई बेची से बहुत प्यार है और उसके आने की राह देखता है.
जिंदगी खूबसूरत हो गई है. ईश्वर मुझ पर मेहरबान है.
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