फेसबुक, हाइक या व्हाट्सऐप जैसे किसी एप्लिकेशन पर चैटिंग करते वक्त कई बार शब्द वो बात नहीं कह पाते, जो एक मजेदार इमोजी कह सकता है. है न? इस वक्त इंटरनेट पर तरह-तरह के भाव और परिस्थितियों को अलग अंदाज में बयान करने वाले इमोजी मौजूद हैं. पर इनमें से ज्यादातर सिर्फ अंग्रेजी में हैं. जो हिंदी में हैं, वे भी अधिकतर रोमन हिंदी में हैं.
भारतीय त्योहारों आदि के लिए अलग से हिंदी में ऐसी कोई सुविधा है भी नहीं. चैट करने वाले हजारों भारतीयों की तरह अपराजिता और दसवीं में पढ़ने वाली उनकी बहन की बेटी को भी एक दिन भारतीय रंग में रंगे हिंदी के इमोजी की कमी महसूस हुई. अपराजिता दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज मिरांडा हाउस में हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, साथ ही वे अच्छी ड्रॉइंग भी कर लेती हैं.
एक दिन अपराजिता की भतीजी ने उनसे कहा कि वे ही कुछ इमोजी बना दें. यहीं से शुरुआत हुई हिंदी के इमोजी यानी ‘हिमोजी’ की.
शुरुआत में मैंने निजी इस्तेमाल के लिए कुछ हिमोजी बनाए. जब वे हिमोजी मैंने दोस्तों और परिचितों के साथ चैट करते वक्त इस्तेमाल किए, तो उन्हें बहुत पसंद किया गया. सभी ने कहा कि मैं और भी ऐसे हिमोजी बनाऊं.अपराजिता शर्मा
बाद में अपराजिता के भाई और उनके दोस्तों की मदद से उन्होंने एक ऐसा ऐप बनाने की योजना बनाई, जिस पर हिंदी इमोजी की कई तरह की सीरीज मौजूद हों. एक साल में यह सीरीज और ऐप बनकर तैयार हुए और आज मिरांडा हाउस में इस ऐप को लॉन्च कर दिया गया. हिमोजी नाम के इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
अलग-अलग मूड और कैटेगिरी के हिमोजी
सुप्रभात, शुभरात्रि और धन्यवाद से लेकर प्यार, गुस्सा, अकेलापन और खुशी जैसी कई भावनाओं को दिखाते ये हिमोजी हिंदी में चैट करने वाले यूजर्स के लिए किसी तोहफे से कम नहीं हैं.
इन सभी भावनाओं को अपराजिता ने अलग-अलग कैटेगिरी में रखा है, जैसे प्यार और खुशी दिखाने वाले इमोजी ‘रसीला आम’ कैटेगिरी में मिलेंगे, तो गुस्सा और शरारत भरे इमोजी ‘खट्टी इमली’ के नाम से हैं.
इसी तरह फिल्मी डायलॉग्स और भारतीय त्योहारों के लिए भी कैटेगरी हैं. प्रेम करने वालों के लिए ‘प्रेमरोग’ है, तो प्यार का इजहार करने से झिझकने वालों के लिए ‘अनकही’ भी मौजूद है. इस वक्त ऐप पर 270 हिमोजी स्टिकर मौजूद हैं, जिनमें रोजमर्रा की जिंदगी के बहुत सारे पलों को समेटा गया है.
जानवरों से प्यार करने वालों के लिए खास ‘खग-विहग’ नाम से भी एक सीरीज मौजूद है.
खासी ‘भारतीय’ है अनन्या
अनन्या यानी अपराजिता के हिमोजी की चरित्र एक भारतीय लड़की है. अपराजिता उसके बारे में कुछ इस तरह बताती हैं:
अनन्या झालरवाले भारतीय परिधान, चूड़ियां और बिंदी पहनती है, बालों को जूड़े में बांधकर रखती है. पर जब वो अकेले में कुछ पल अपने साथ बिताती है, तो वो दूसरे ही रूप में होती है. खुले बाल और खुला मन उसके अंदर की लड़की को अलग ही तरह से दिखाते हैं.
और जब अनन्या फिल्मी अवतार में आती है, तो और भी मजेदार हो जाती है. वो गब्बर के डायलॉग्स भी बोलती है और मस्तानी के भी. फिल्म ‘खुदा गवाह’ का अंदाज भी उस पर जंचता है और राजेश खन्ना के डॉयलॉग भी वो बखूबी बोलती है.
ऐसा नहीं है कि सारे स्टिकर्स लड़कियों को ही ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. लड़कों के लिए भी यहां खास इमोजी हैं. ये अनन्या के दोस्त हैं, उसके परिचित हैं, परिवार के लोग हैं या वो लड़के हैं, जो उसे पसंद करते हैं.
भाषा और कैलिग्राफी पर दिया गया है खास ध्यान
अपराजिता बताती हैं कि हिमोजी स्टिकर्स बनाते वक्त उन्होंने कैरेक्टर्स और भावों के साथ-साथ भाषा और कैलिग्राफी पर भी काफी ध्यान दिया है.
सोशल मीडिया पर सिर्फ युवा ही नहीं, बच्चे और बुजुर्ग भी हैं. तो हम ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना चाहते थे, जो किसी को भी असभ्य न लगे. कैलिग्राफी के लिए मेरे पति ने मेरी मदद की और हमने हिमोजी के साथ हिंदी के शब्दों के लिए पहले से मौजूद फॉन्ट की जगह कैलिग्राफी का प्रयोग किया.अपराजिता शर्मा
कलाकार के बारे में...
ये सभी ड्रॉइंग्स अपराजिता की ही हैं. वे पिछले काफी समय से एंडोमेट्रियोसिस नाम की बीमारी से जूझ रही हैं, जिसके कारण न सिर्फ उन्हें बहुत तेज दर्द से जूझना पड़ता है, बल्कि और भी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी, हमेशा वही किया, जो उन्हें अच्छा लगा.
बीमारी की वजह से मैं अक्सर पीछे छूट जाती हूं. अपनी डेडलाइन पूरी नहीं कर पाती. लेकिन आर्ट ने मेरे लिए एक दवा की तरह काम किया है. कॉलेज में पढ़ाने के साथ-साथ में कला से जुड़ी रही. हिमोजी बनाते वक्त भी में दर्द का सामना कर रही थी, पर इन्हें बनाते वक्त शायद दर्द पीछे छूट जाता था.अपराजिता शर्मा
अपराजिता ने बताया कि मार्च का महीना उनकी बीमारी यानी एंडोमेट्रियोसिस के लिए जागरूकता फैलाने का महीना है और इसी महीने उन्होंने अपना ऐप लॉन्च किया है.
मैं इस बीमारी या किसी और भी बीमारी से जूझ रही महिलाओं को संदेश देना चाहती हूं कि वे अपनी बीमारी से लड़ने का कोई न कोई तरीका जरूर तलाश सकती हैं. कोई न कोई ऐसी चीज जो उन्हें खुश रखे, जो उनका दर्द भुला दे.अपराजिता शर्मा
पिछले कुछ सालों में भारत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है. इसी के साथ बढ़ा है सोशल मीडिया पर हिंदी का इस्तेमाल. रवीश के ‘लप्रेक’ ने जहां हिंदी भाषा को सोशल मीडिया पर एक नया आयाम दिया था, वहीं अपराजिता के ‘हिमोजी’ भी बेशक हिंदी चैटिंग और स्टिकर्स की दुनिया में एक नई शुरुआत हैं.
[ क्विंट हिंदी पर ये स्टोरी पहली बार 14 मार्च, 2016 को छापी गई थी. World Emoji Day पर इसे हम अपने पाठकों के लिए फिर से पेश कर रहे हैं ]
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