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रक्षाबंधन पर घर से दूर हैं ये लोग, इनके और आपके लिए कुछ खास आइडिया

घर से दूर होने के कारण जो लोग रक्षाबंधन परिवार के साथ नहीं मना पाते उनके लिए कुछ खास तरकीबें

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बचपन, स्कूल, कॉलेज, नौकरी, जुनून और टारगेट की इन सीढ़ियों पर हम आगे तो चले आए हैं, लेकिन कहीं न कहीं कुछ बड़ा पीछे छूटता जा रहा है. ये जबरदस्त 'दार्शनिक ज्ञान' एक दोस्त ने फोन पर दिया. बात हो रही थी रक्षाबंधन पर घर जाने की और तभी उसका ये दर्द छलक उठा.

पिछले 7 साल से घर से बाहर हूं, सिर्फ 1 या 2 रक्षाबंधन पर ही घर जाने का मौका मिला है. ऐसे में यार! बचपन तो याद आता ही है, और जब टीवी और रेडियो पर ये बहन-भाई वाले इमोशनल गाने सुन लेता हूं, तो टीस और बढ़ जाती है.
रितेश, नौकरी-गुजरात, घर-उत्तर प्रदेश
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ये दर्द सिर्फ रितेश का ही नहीं. देश की करीब 1.3 अरब आबादी का एक बड़ा हिस्सा पढ़ाई, नौकरी, करियर के नाम पर अपने घर-परिवार से दूर विस्थापन की मार झेल रहा है. इसका तर्क ये भी है कि अच्छी पढ़ाई और बढ़िया व्हाइट कॉलर जॉब घर बैठे नहीं मिल सकती.

इस तर्क और उसके पीछे की सरकारी वजह को सलाम करते हुए आप अपने मोहल्ले, गांव, कस्बे, शहर में एक नजर डालिए, दिखेगा कि अमूमन हर घर का बच्चा, युवा इन्हीं सब कारणों की वजह से घर से दूर है.

स्मृति, भोपाल की रहने वाली हैं और नोएडा में नौकरी करती हैं. 3 साल से रक्षाबंधन पर घर नहीं जा पा रही हैं, वो कहती हैं- रक्षाबंधन पर घर न जाने की फीलिंग शब्दों में नहीं बताई जा सकती. देखिए स्मृति इस अहसास को कैसे जाहिर कर रही हैं.

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ऐसे में कई तरीके ऐसे भी हैं जिनसे रक्षाबंधन पर घर नहीं जाने का गम थोड़ा कम किया जा सकता है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जिंदाबाद

टेक्नोलॉजी को लाख गाली दे लीजिए, नौकरी छिनने का जिम्मेदार बता लीजिए, लेकिन पंचर की दुकान सर्च करने से लेकर 'राखी' का गम दूर करने तक में काम यही आता है. मतलब ये है कि अगर आपके घर पर भी अच्छी इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा है, तो रक्षाबंधन के दिन पूरे परिवार वालों को वेबकैम पर बुलाइए.

बाजार से खुद भागकर राखी लाइए और 'दीदी' की 'वेबकैम वाली' नजरों के सामने खुद या अपने किसी दोस्त (नोट: यहां दोस्त से मतलब है पुरुष दोस्त) की मदद से सटीक-शुभ मुहूर्त में कलाई 'हरी भरी' कर लीजिए. लड़कियां अगर घर से बाहर हैं, तो वो भी ये टेक्नोफ्रेंडली रक्षाबंधन आइडिया अपना सकती हैं.

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इंटरनेट में दिक्कत, नो प्रॉब्लम

अगर दूर-दराज के इलाकों में आपका परिवार या आप रहते हैं, या इंटरनेट कनेक्शन की खास सुविधा नहीं है. तो रक्षाबंधन के दिन घर पर फोन से बात करने के बाद, आप आसपास या ऑफिस की किसी भी ऐसी लड़की से राखी बंधवा सकते हैं, जिन्हें आप बहन की तरह मानते हो.

घबराइए मत, आपकी बहन इससे नाराज नहीं होंगी, क्योंकि, 'फूलों का तारों का सबका कहना है एक हजारों में आपकी बहना हैं'

रक्षाबंधन के दिन सौरभ का भी आइडिया कुछ ऐसा ही होता है. सौरभ मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और फिलहाल नोएडा में जॉब करते हैं.

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सदाबहार डाकिया डाक लाया

ये तमाम आइडिया एक तरफ और बहन की तरफ से आया कार्ड एक तरफ. पोस्टमैन जब वो राखी वाला कार्ड थमाता है, तो उसकी फील कुछ और ही होती है. बता दें कि तमाम संसाधन आ जाने के बाद भी रक्षाबंधन के दिन भारतीय डाक विभाग का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है.

ऐसे में अगर राखी भेजने में थोड़ी देरी हो गई हो, तो भी ऐसी कई सुविधाएं हैं, जो 1-2 दिन में राखी को भारत के किसी राज्य में पहुंचा सकती हैं. अगर थोड़ा देर भी हो जाए, तो 'कौन सा बहन का प्यार कम हो जाएगा'.

गिफ्ट देना कैसे भूल गए?

रक्षाबंधन पर बहनों को गिफ्ट देना कैसे भूला जा सकते हैं. आखिर, पूरे साल बहनों को इसी मौके का तो इंतजार होता है. ऐसे में अगर अपनी दीदी, बहन या जो भी आप उन्हें बुलाते हों उनसे दूर हैं तो 'नो' बहानेबाजी.

तमाम ई-कॉमर्स साइट पर फिलहाल सेल चल रहे हैं आप किफायती दाम में गिफ्ट अपनी बहन के पास भेजवा सकते हैं. महज 1-2 दिन में या ज्यादा से ज्यादा 3-4 दिन में आपका गिफ्ट उनके पास होगा.

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फूलों का तारों का, सबका कहना है

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