10 मई, रविवार को दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर लोग सुबह उठते ही अपनी मां को बधाई देने लगते हैं. कुछ गिफ्ट्स लाते हैं तो कुछ Mother's Day का पूरा दिन मां के साथ रहकर बिताते हैं. आप भी चाहें तो इस मदर्स डे अपनी मां के साथ शॉपिंग, डिनर या लंच डेट, फिल्म देखने, बाहर घूमने जा सकते हैं.
वैसे तो हर दिन मां के नाम ही होता है लेकिन आज के बिजी लाइफस्टाइल में लोग अपनी मां को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं. ऐसे में मदर्स डे (Mother's Day) उन्हें अपनी भावनाओं को जाहिर करने का मौका जरूर दे देता है. मदर्स डे ज्यादातर देशों में मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है.
जानें कैसे हुई Mother's Day की शुरुआत
मदर्स डे को लेकर कई तरह की कहानियां है. कुछ का मानना है कि मदर्स डे के इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई थी. वर्जिनिया में एना जार्विस नाम की महिला ने मदर्स डे की शुरुआत की. कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं और उनसे बहुत प्रेरित थीं. उन्होंने कभी शादी नहीं की. मां का निधन हो जाने के बाद उन्होंने उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की. ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को वर्जिन मेरी का दिन मानते हैं. यूरोप और ब्रिटेन में मदरिंग संडे भी मनाया जाता है.
Mother’s Day से जुड़ी एक और कहानी है जिसके अनुसार, मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से हुई थी. ग्रीस के लोग अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं. इसलिए वो इस दिन उनकी पूजा करते थे. मान्यताओं के अनुसार, स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर लोग उनकी पूजा करते थे.
रविवार को मनाया जाता है Mother's Day
9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक कानून पास किया था. इस कानून में लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा. इसी के बाद से भारत समेत कई देशों में ये खास दिन रविवार के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा. मदर्स डे के खास मौके पर बच्चे अपनी मां को विश करते हैं और कई तरह के तोहफे देते हैं.
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