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सेक्स और ड्रग रैकेट से है ‘शिफू सुंकृति’ का कनेक्शन!

गुरुवार को मुंबई पुलिस ने संगठन के फाउंडर सुनील कुलकर्णी को गिरफ्तार कर लिया है.

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देह व्यापार और ड्रग रैकेट से जुड़ा एक संदिग्ध मामला मुंबई में सामने आया है. 'शिफू सुंकृति’ नाम के एक छद्म संगठन पर कथित तौर पर सेक्स और ड्रग रैकेट चलाने के आरोप लगे हैं.

मुंबई पुलिस ने गुरुवार को संगठन के फाउंडर सुनील कुलकर्णी को गिरफ्तार कर लिया है. कुलकर्णी पर आरोप है कि वे लड़कियों का ब्रेन वॉश कर उन्हें सेक्स रैकेट की तरफ धकेलते हैं.

मामले में मुंबई के एक परिवार ने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी. मुंबई पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज नहीं की, तो ये मामला बंबई हाईकोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने ही कुलकर्णी के गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं.

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शिफू सुंकृति क्या है ?

ये संगठन खास तौर पर फेसबुक पर पेज के जरिए ही चलाया जा रहा है. संगठन का दावा है कि वो लोगों के दिमाग को शरीर से तालमेल बिठाने और नकारात्मकता को दूर करने के लिए काम करते हैं. शिफू सुंकृति के कर्ताधर्ता सुनील कुलकर्णी खुद को न्यूरोप्लास्टिसिटी रेसिलेंस सेंटर के मुखिया बताते हैं.

‘मुंबई मिरर’ को दिए गए एक इंटरव्यू में कुलकर्णी ने कहा था कि शिफू संस्कृति कोई संगठन नहीं है. ये एक छद्म नाम है, शिफू का मतलब है, गुरु वहीं संस्कृति सन(सूरज)+ प्रकृति से मिलकर बनाई गई है.

कुलकर्णी ने संगठन ने काम करने के तरीके में बताया था, ''ये शरीर का दिमाग से जुड़ाव है जो रीढ़ की हड्डी के जरिए इलेक्ट्रिकल सिग्नल के माध्यम से होता है. जब ये सब एक साथ मिल जाते हैं तो हम खुद को अच्छी तरह से समझ पाते हैं. इसके लिए हमें पूरी तरह नग्न होना पड़ता है और अपने शरीर को देखना होता है. इससे आप भावनात्मक तरीके से भी शरीर से जुड़ाव रख पाएंगे.''

पेज पर बेहद भ्रामक कंटेंट

द क्विंट ने संगठन और सुनील कुलकर्णी के डिजिटल पेज से उनके बारे में जानने की कोशिश की. कुलकर्णी के लिंक्डइन प्रोफाइल में उन्हें न्यूरोप्लास्टिसिटी रेजिलेंस सेंटर का चेयरमैन बताया गया है.

सेंटर का कोई भी पता लिंक्डइन पर उपलब्ध नहीं है. वहीं शिफू सुंकृति सेंटर पर कुछ इवेंट आयोजित होने की जानकारी मिलती है. सेंटर के पते के तौर पर बांद्रा, मुंबई लिखा हुआ है ये भी पता स्पष्ट नहीं है. बांद्रा पुलिस स्टेशन ने भी ऐसे किसी संगठन के इलाके में होने से इनकार किया है.

उलझाने वाले चित्र, अस्पष्ट बातें !

संगठन के फेसबुक पेज पर भ्रामक तस्वीरें पोस्ट की गई है. कुछ तस्वीरों में कोट्स लिखे हुए हैं जो पहले भी कई बारे सुने जा चुके हैं. मेंटल हेल्थ पर कुछ इंफोग्राफिक्स भी आपको इसके पेज पर नजर आएंगे. इसका सही अर्थों में कोई भी मतलब नहीं निकलता और इन तस्वीरों को आप बड़े ही आसानी से गूगल सर्च के जरिए ढूंढ सकते हैं.

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ज्यादातर तस्वीरें उत्तेजक, लिंग, सेक्स, रोमांस, मेंटल हेल्थ, न्यूरोप्लास्टिक रेजिलेंस से जुड़ी हुई हैं. महिलाओं की कुछ नग्न तस्वीरें भी हैं, जिनमें उनके संवेदनशील अंगों को पत्तों और दूसरी चीजों से ढंका गया है. कुल मिलाकर इन तस्वीरों को अर्थ समझना तो बड़ा ही मुश्किल है.

कुछ ऐसी बातें भी लिखी हैं जिनसे मस्तिष्क और नकारात्मकता को खत्म करने से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. शब्दों का चयन भी ऐसा है जो भ्रामक है और कुछ अर्थ नहीं निकलता.

फेज पर वर्कशॉप के लिए आवेदन मांगे गए हैं. आवेदन के लिए किसी सार्वजनिक जगह का पता न देकर शिफू सुंकृति को फोन नंबर मैसेज करने या मेल के लिए कहा गया है. कुल मिलाकर द क्विंट को पेज और संगठन की कार्यप्रणाली संदेह से भरी लगी .

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केस में अब तक क्या हुआ ?

मुंबई के मलाड में रहने वाले एक दंपत्ति ने आरोप लगाया था कि उनकी 23 और 21 साल की बेटियां शिफू सुंकृति नाम के संगठन के बहकावे में आ गई हैं. दंपति का आरोप है कि जनवरी में उनकी बेटियां घर छोड़कर कुलकर्णी के साथ रहने चली गई थीं. जब दंपत्ति ने उनको कुलकर्णी के पास जाने से रोका तो दोनों लड़कियों ने अपने माता-पिता के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने लड़कियों ने आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि कुलर्णी के ब्रेनवॉश के कारण ही वो घर छोड़कर गई हैं.

याचिका में कहा गया था, कुलकर्णी 18 से 25 साल की लड़कियों को आकर्षित करता है और उनके दिमाग को ब्रेनवॉश कर देता है. जब ये लड़कियां ग्रुप में शामिल हो जाती हैं तो उन्हें ड्रग्स और सेक्स के लिए धकेल दिया जाता है.

बता दें कि गुरुवार को पुलिस ने कुलकर्णी को ह्यूमन ट्रैफिकिंग, धोखा देने और आपत्तिजनक कंटेट को पब्लिश करने जैसे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया.

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