Supermoon 2021: चंद्रमा को पृथ्वी की पूरी परिक्रमा करने में लगभग 29.5 दिन लगते हैं. इस दौरान हम रात में पूर्णिमा से अमावस्या चक चंद्रमा के अलग-अलग रूपों को देखते हैं. चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात को ही होता है.
क्या होता है चंद्रग्रहण?
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है. चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है. हम 24 जून को 2021 के आखिरी सुपर मून या स्ट्रॉबेरी मून देखेंगे.
स्ट्रॉबेरी मून क्या है?
जून पूर्णिमा को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है. जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी और सूर्य के अनुरूप होता है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है. हालांकि, पृथ्वी का वातावरण सूर्य की किरणों के लिए अपवर्तक लेंस के रूप में कार्य करता है. अपवर्तित किरणें चंद्रमा को लाल रंग का रूप देते हुए प्रक्षेपित की जाती हैं. सूर्य की किरणों का अपवर्तन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय भी देखा जा सकता है.
सुपरमून क्या है?
सुपरमून तब बनती है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमते हुए पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है. साथ ही उस दिन पूर्णिमा का दिन भी होता है, मतलब वो दिन जब चंद्रमा का आकार सबसे बड़ा दिखता है. 24 जून को 2021 को हम सुपर मून देखेंगे. सुपरमून के मौके पर चांद न सिर्फ ज्यादा चमकदार दिखता है बल्कि आम दिनों के मुकाबले ज्यादा बड़ा भी दिखता है.
भारत से स्ट्राबेरी मून कैसे देखें?
भारत में स्ट्रॉबेरी मून नहीं देख पाएंगे क्योंकि चंद्रमा लगभग 11.15 बजे IST निकलता है. चंद्रमा आंशिक रूप से रात 11.15 बजे ग्रहण शुरू होगा और भारतीय समय के अनुसार 2.35 बजे तक चलेगा.
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