पहली चीज जो आप इस तस्वीर में देखेंगे वो है ये 50 मीटर का वीरुपक्षा मंदिर, दूसरी चीज जिसपर आपकी नजर जाएगी वो हैं ये चार लोग जो मंदिर की दीवार पर पेशाब कर रहे हैं. धार्मिक वजहों से हम्पी में आप मांस नहीं खा सकते या फिर बीयर नहीं पी सकते, लेकिन मंदिर की दीवार पर पेशाब करने की इजाजत है! जबकि बगल में ही पब्लिक टॉयलेट है.
लंदन निवासी कैथरीन और डेविड ने जब शांताराम किताब पढ़ी तो ये फैसला किया कि उन्हें एक बार भारत घूमने तो आना ही पड़ेगा.
लेकिन यहां आने के बाद दूसरे फिरंगी पर्यटक की तरह ही इन्होंने पाया कि अतुल्य भारत के आलावा भी यहां बहुत कुछ ऐसा है जो दुनिया में कहीं नहीं.
और उनके Instagram पोस्ट देखकर तो यही लगता है कि पीएम मोदी के स्वच्छ भारत के लिए उनके पास काफी सुझाव हैं.
फिरंगियों की नजर से देखिए अतुल्य भारत
इस कपल ने दुनिया घूमने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और अगस्त के महीने से ही ये भारत में हैं. अबतक 20 शहर घूम चुके हैं. डेविड माचू पिचू, द ग्रेट वाल ऑफ चाइना, दे ग्रेट बैरियर रीफ और क्राइस्ट द रीडीमर देख चुके हैं लेकिन फिर भी उनकी लिस्ट में स्वर्ण मंदिर टॉप में है.
“कुछ स्थानीय लोगों ने हमें पगड़ी पहना दी और हमें फोटोशूट पर ले गए. भारत में रहते हुए वो सबसे मजेदार दिन थे.” डेविड कहते हैं.
और सबसे ज्यादा हैरान वो श्रीनगर को देखकर हुए. पहले श्रीनगर के बारे में काफी नाकारात्मक बातें उन्होंने सुनी थी लेकिन जब डल झील के एक शिकारे में इन्होंने रात गुजारी और सुबह उठे तो वहां की खूबसूरती ने उनकी सोच बदल दी.
हमने धर्मशाला स्टेडियम में टी-20 मैच देखा और अगले दिन हमारी तस्वीरें तमाम अखबरों में छपी थीं. मुझे लगता है कि हम भीड़ में अलग दिख रहे थे.कैथरीन, विदेशी पर्यटक
न्यूयॉर्क की रहने वाली एडरेनी और एंड्रयू ने भारत आते वक्त कोई प्लान नहीं बनाया क्योंकि उन्होंने सुना था कि भारत एक रहस्यमयी देश है.
“दिल्ली में हमने शानदार दोस्त बनाए जिन्होंने यहां की लोकल लाइफस्टाइल से हमें रूबरू कराया. आगरा और ताज के बारे में क्या कहना. राजस्थान हमें बेहद पसंद आया, खासकर उदयपुर. गणेश चतुर्थी के दौरान मुंबई किसी जादू से कम नहीं था. वाराणसी में गजब की ताकत थी, अद्भुत खूबसूरती थी. और धर्मशाला को हसीन था” कहती हैं 26 साल की एडरेनी जो एक टेक स्टार्ट अप में अपनी नौकरी छोड़कर अपने पति के साथ दुनिया घूमने निकली हैं.
‘इंडिया हमें घूरता है’
इनके भारत भ्रमण का दूसरा पहलू ये है कि जिस तरह से लोग इन्हें देखकर आकर्षित होते हैं उससे ये काफई असहज महसूस करते हैं. लोग इन्हें उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कहते हैं, इन्हें घूरते हैं और लूटने की भी कोशिश करते हैं.
भारत में हमारा पहला दिन था और हमें पहले दिन ही दिल्ली में तीन फर्जी टूरिस्ट ऑफिस में ले जाया गया. न जाने कितनी बार ऑटो वालों ने मनमाना किराया लिया, और अब हम ड्राइवरों के दोस्त की दुकानों पर आने का न्योता पाते पाते थक चुके हैं.डेविड, विदेशी पर्यटक
एडरेन कहती हैं कि बिना आपकी इजाजत के अगर कोई आपकी तस्वीर खींच ले तो आप कतई सुरक्षित नहीं महसूस कर सकते क्योंकि आपको नहीं पता आपकी तस्वीर के साथ वो इंसान क्या करने वाला है.
भारत स्वच्छ है या नहीं?
ये कपल इस बात पर सहमत हैं कि भारत में साफ- सफाई को लेकर अभी काफी कुछ किया जाना है.
एडरेन कहती हैं कि वायु प्रदूषण, गंदगी और सड़कों पर फैले कूड़े को देखकर तो यही लगता है कि ये देश सबके लिए नहीं है.
साथ ही वो ये सुझाव भी देती हैं कि पर्यटकों को सटीक जानकारी देने वाली होर्डिंग्स, साइन बोर्ड की कमी है.
महिलाएं सुरक्षित नहीं
हम एक ऐसे देश से आते हैं जहां आदमी और औरत को बराबरी का दर्जा मिला हुआ है. जब हम पहली बार दिल्ली आए तो हम ये समझ नहीं पाए कि इस शहर की लड़कियां आखिर हैं कहां. मुझे लगा कि इस शहर की नब्बे फीदसी आबादी मर्दों की है. मर्द और औरत की संख्या में फर्क भी काफी चौंकाने वाला है. कई शहरी लड़कियों से जब हमने बात की तो उन्होंने हमें बार बार समझाया कि देर रात बाहर न निकलें तो बेहतर है.डेविड, विदेशी पर्यटक
महिला पर्यटकों के लिए एडरेन की सुझाव है कि खुद को ढक कर चलें.
“पैंट या टॉप जो आपके कंधों और छाती को ढक ले वही पहनना है. यहां गर्मी होती है और आपका मन करेगा शॉर्ट्स और टैंक टॉप पहनने का, लेकिन पहनिएगा मत. और मर्दों से ज्यादा दोस्ती मत कीजिएगा. ज्यादातर आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगें, लेकिन अपने पति की गैरमौजूदगी में कुछ ऐसे मनचलों से मेरा पाला पड़ा जो पहले तो ठीक बर्ताव कर रहे थे लेकिन बाद में चिपकने लगे.”
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