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वैंलेटाइन डे स्पेशल:इन 3 शानदार फिल्मों से समझिए प्यार के मायने  

बिना शर्त के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. शायद इसे ही अमर प्रेम कह सकते हैं.

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कहते हैं प्यार करना मतलब अपनी जिंदगी के मायने तलाशना है. ऐसी फीलिंग को मनाने के लिए किसी खास दिन की जरूरत वैसे तो नहीं है. ये तो हर दिन महसूस करने का है. फिर भी वैलेंटाइन डे के दिन इस ऐहसास को ताजा करने के लिए हॉलीवुड की तीन फिल्में आपके मस्ट वॉच लिस्ट में होनी ही चाहिए. तीनों का एक ही थीम है- बिना शर्त के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. शायद इसे ही अमर प्रेम कह सकते हैं.

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कासाब्लांका (1942)

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रीलीज हुई फिल्म में प्यार! यही इस फिल्म की खासियत है. मुश्किल के दौर में भी अपने प्यार के लिए कुछ करने की चाहत ही इस फिल्म को ऑल टाइम ग्रेट बनाती है. कहानी एक बिछड़े प्रेमी की है जो एक ऐसे शहर में रहता है जहां नाजियों का कब्जा नहीं है. एक दिन अचानक उसकी मुलाकात अपने पुरानी प्रेमिका से होती है. प्रेमी हैसियत वाला है और वो किसी को भी लेटर ऑफ ट्रांजिट देकर अपने मनचाहा देश पहुंचा सकता है. उसकी पुरानी प्रेमिका उससे अपने पति के लिए वही लेटर मांगती है.

 बिना शर्त के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. शायद इसे ही अमर प्रेम कह सकते हैं.
प्रेमी अपनी हैसियत का इस्तेमाल कर अपनी प्रेमिका को अपने पति से हमेशा के लिए अलग कर सकता था. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इससे अलग उसने अपनी हैसियत का इस्तेमाल अपनी प्रेमिका और उसके पति को आजाद करने के लिए किया. मतलब यहां प्यार के लिए कुर्बानी दी गई, अपनी खुशी को छोड़ा गया. और वो भी खुशी-खुशी.
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टाइटेनिक (1997)

इस फिल्म के चाहने वालों की दुनिया में कमी नहीं है. इस फिल्म का इतना असर हुआ है कि हर प्रेमी कपल वो टाइटेनिक पोज वाला फोटो जरूर खिंचवाता है.

 बिना शर्त के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. शायद इसे ही अमर प्रेम कह सकते हैं.
(फोटो: /giphy.com)

एक गरीब और अमीर का प्यार, मुश्किल की घड़ी, अपनी जिंदगी बचाने का संघर्ष, लेकिन ऐसे समय में अपने प्यार को तरजीह देना वाला वो फैसला. इसकी कहानी से तो आप फेमिलियर हैं ही. डूबता जहाज, यात्रियों की भगदड़, वो जिंदगी के आखिरी लम्हे वाली फीलिंग. ऐसे में प्रेमी कैसे प्यार को परवान चढ़ाते हैं.

सबकुछ परफेक्ट है. लेकिन इसका मैसेज तो दिल को छू जाता है. ऑप्शन था एक जिंदगी बचाने का. अपनी कुर्बान कर दी और प्रेमिका की बचा ली. इसे कहते हैं अनकंडिशनल लव- कोई सवाल नहीं, कोई शर्त नहीं, बस प्यार ही प्यार. फैसला आसान नहीं रहा होगा. बाद में कभी अटपटा भी लगता है. लेकिन फिल्म देखते वक्त लग रहा था कि अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए इतना तो करना ही चाहिए. वैलेंटाइन डे पर अपनी जोड़ी के साथ ये फिल्म परफेक्ट रहेगी.

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अ स्टार इज बॉर्न (2018)

 बिना शर्त के प्यार की कोई सीमा नहीं होती. शायद इसे ही अमर प्रेम कह सकते हैं.
(फोटो: /giphy.com)

ये थीम इतनी कालजयी है कि इसके कई रिमेक बन चुके हैं. कहानी है जैक और एली की. दोनों बड़े कलाकार हैं. जैक नई ऊंचाई पर है जब उसे एली मिली. जैक ने एली के कैरियर को सजाया, संवारा. लेकिन बाद में खुद ही फिसलने लगा. नशे की लत लगी और फन पर से पकड़ छूटने लगी. दूसरी तरफ एली आगे बढ़ती गई. एक समय ऐसा आया जब जैक पूरी तरह से हार गया. लेकिन एली ने उसका साथ फिर भी नहीं छोड़ा. जैक के पास भी एक ही ऑप्शन था- एली के करियर को छलांग लगाते दूर से देखे और एली को पूरी तरह से आजाद कर दे. उसने भी ऐसा ही किया.

इन तीनों फिल्मों में बिना किसी शर्त के प्यार के तीन अलग-अलग स्वरुप हैं. मेरे जेनेरेशन में इस तरह के प्यार पर शायद हंसी ही छूटे. इसे बीते हुए जमाने का टैग दे दिया जाए. लेकिन मेरे हिसाब से प्यार वाला इमोशन ऐसा है जिसपर किसी तरह का टैग नहीं चिपकाया जा सकता है. ये तो ऐसी फीलिंग है कि जब जिसको लगे वही इसका मर्म समझे.

(प्रेमांक एक युवा फिल्म समीक्षक हैं, जो फिल्मों के जरिए जिंदगी के मायने तलाशने में जुटे हैं)

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