World Malaria Day 2023: विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है.इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के प्रति लोग को जागरुक करना है. भारत में हर साल कई जानें मच्छरों से होने वाली बीमारियों की वजह से जाती हैं, जिनमें से एक मलेरिया भी है.
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस (world malaria day history) मनाने से पहले अफ्रीका में मलेरिया डे मनाया जाता रहा है, जिसे देखते हुए ही विश्व मलेरिया दिवस मनाने का फैसला लिया गया. साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा का 60वां सेशन आयोजित हुआ था, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि डब्ल्यूएचओ ने ये प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीका में मनने वाले मलेरिया दिवस को विश्व स्वास्थ्य मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए. इसके बाद से साल 2008 से 25 अप्रैल का दिन विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
world malaria day 2023 theme
विश्व मलेरिया दिवस की हर साल एक नई थीम होती है, इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘Ready To Combat Malaria' यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार रखी गई हैं. इस थीम के पीछे का मकसद लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए जागरूक करना है.
मलेरिया इंसानों में कैसे फैसला है?
मलेरिया की बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है. मलेरिया का सबसे बड़ा कारण है गंदगी है, इसके बाद वह इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं. मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद लक्षण दिखाई देंगे.
इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टियां होना और स्किन का रंग पीला पड़ जाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए आप अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें. खुद को मच्छरों से सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)