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Assam Flood: बाढ़ के बीच फंसी थी ट्रेन, कैसे बचा ये युवक?

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

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असम(Assam Flood) में बाढ़ से राज्य के छह लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के कारण कई जिले बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. 13 मई को मैं ट्रेन से यात्रा कर रहा था, जो बाढ़ के कारण बीच में ही फंस गई.

लगभग 11:30 बजे, हमने ट्रेन के माध्यम से गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए अपनी यात्रा शुरू की. हम अगली सुबह 8:40 बजे हाफलोंग पहुंचे और ट्रेन आगे नहीं बढ़ पा रही थी. इसलिए हमें वहीं रुकना पड़ा.

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

सिलचर से गुवाहाटी का रूट.

(फोटो साभारः गूगल मैप्स)

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

क्षतिग्रस्त रेल मार्ग.

(फोटो साभार: दीपांजन देब)

बारिश के कारण ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया और दोपहर तक खबर आई कि ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी क्योंकि ट्रैक पूरी तरह से टूट गया था. हमें कहा गया कि प्रतीक्षा करें या फिर गुवाहाटी वापस जाएं.
'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक.

(फोटो साभार: दीपांजन)

हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर क्या हुआ?

मैंने हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर इंतजार करने का फैसला किया लेकिन मौसम में सुधार नहीं हुआ.

मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ यात्रा कर रहा था. सब कह रहे थे कि हमें आगे बढ़ना चाहिए. हमने हारंगाजाओ के लिए शुरुआत की. पहले हमें जतिंगा पहुंचना था. यह यात्रा उन यात्राओं में से एक थी जिसे मैं याद नहीं करना चाहता.

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

हाफलोंग से हारंगाजाओ का रूट.

(फोटो साभारः गूगल मैप्स)

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

दो शहरों के बीच सुरंग.

(फोटो साभार: दीपांजन देब)

मैं केवल इतना कह सकता हूं, हम सफल होने में कामयाब रहे. प्रारंभ में हमने एक सुरंग पार की जो 3-3.5 किमी लंबी थी. हमें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऐसी 18 से अधिक सुरंगों को पार करना पड़ा. हम हारंगाजाओ पहुंचे तो उम्मीद कर रहे थे कि वहां से आगे ट्रेन मिलने की कोई संभावना होगी, लेकिन सब कुछ बह गया था. हरंगाजाओ तक हमारी पैदल यात्रा के दौरान हमने भारी बारिश के बीच लगातार भूस्खलन देखे.
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आखिरकार रेस्क्यू स्थल पर पहुंचे

वहां के स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि डिटकछड़ा में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. इसलिए हम 8 किमी से अधिक की दूरी तय करके डिटकछड़ा पहुंचे. जहां हम निकासी के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर को देख सकते थे.

वे सभी को निकालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए यह असंभव था. इसलिए, पहले उन्होंने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को वहां से निकालने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी को निकालना संभव नहीं है और जो लोग आगे बढ़ने की स्थिति में हैं उन्हें पैदल चलकर मैदानी इलाकों में पहुंचना चाहिए.

'13 मई को मैं गुवाहाटी से हाफलोंग होते हुए सिलचर के लिए एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था और बाढ़ में फंस गया'

प्रभावित स्थल पर बचाव कार्य किया जा रहा है.

(फोटो साभार: दीपांजन)

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सोमवार को मैं ट्रेन में सवार होने के लिए दामछड़ा पहुंचा और दोपहर तक हमें बचा लिया गया.

भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य की मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं है. हम रेड अलर्ट पर हैं और मौसम का पूर्वानुमान कहता है कि अगले सात-आठ दिनों तक लगातार बारिश होगी.

हमें नहीं पता कि आने वाले दिनों में हम क्या देखने वाले हैं. बस हमारे लिए प्रार्थना करें, लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करें और आशा है कि चीजें बहुत जल्द सुलझ जाएंगी.

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