तकरीबन 30-40 साल पहले बने जनता क्वार्टर में कुल 600 क्वार्टस हैं. मध्य प्रदेश सरकार जनता क्वार्टर को जर्जर घोषित कर चुकी है और उसमें रह रहे लोगों को 29 अगस्त से पहले घर खाली करने को आदेश दिया था.
सिटिजन जर्नलिस्ट हुनेजा खान जनता कवार्टर्स का दौरा कर जर्जर घोषित हो चुकी इमारत में रह रहे लोगों से बात की.
एक ही फ्लोर पर चार अलग-अलग कमरों में चार परिवार अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं. कमरे के अंदर ही एक छोटा किचन और बाथरूम अटैच है. कमरे की दीवार से प्लास्टर झड़ रहा है. बरसात में छत से पानी टपकती है.
घर की काम में व्यस्त माया कहती हैं.
"यहां गुजारा नहीं, बड़ी मुश्किल से गुजरा हो रहा है. अब लगता है कहीं और निकल जाए. मजबूरी नहीं होता तो कौन रहता यहां ?"माया, निवासी, जनता क्वार्टर
3000 लोगों की जिंदगी खतरे में
जनता क्वार्टर के निवासी आबिदा खान इमारत की जर्जर हालत को लेकर कहीं और शिफ्ट करने के लिए नगर निगम को लेटर भी लिख चुकी हैं. लेकिन, नगर निगम के अधिकारियों ने लेटर लेने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि,
"नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड गए, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है."आबिदा खान, निवासी, जनता क्वार्टर
इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि इमारत की छत हिलती है.
'हमें कुछ नहीं चाहिए, घर के बदले घर दे दो'
बीते 29 अगस्त को नगर निगम के अधिकारी बुलडोजर के साथ जनता क्वार्टर खाली कराने के लिए आए थे. लेकिन, लोगों के भारी हंगामे के बीच अधिकारों को वापस लौटना पड़ा.
कल के बदले आज ही क्वार्टर तोड़ दो. लेकिन, हम लोगों को घर के बदले घर दे दो. हमको और कुछ नहीं चाहिए.जोहरा बी, निवासी, जनता क्वार्टर
क्विंट ने नगर निगम से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन, नगर निगम के अधिकारियों ने एक दूसरे पर सवाल टाल दिया और जवाब नहीं दिया.
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