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तमिलनाडु में बिहारियों पर जुल्म के फेक वीडियो बहुत देखे, अब देखिए असली हालात

फेक न्यूज वीडियो के वायरल होने के बाद चेन्नई छोड़ रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत

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पिछले कुछ दिनों में, तमिलनाडु (Tamil Nadu) में उत्तर भारतीय राज्यों के मजदूरों के साथ मारपीट और उत्पीड़न का दावा करने वाले वीडियो वायरल हुए. इसके कारण राज्य भर में फैली दहशत के बीच बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश के कई प्रवासी श्रमिकों ने चेन्नई छोड़ दिया है.

7 मार्च को मैं कुछ मजदूरों से बात करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन गयी.

ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के प्रवासी मजदूर आलमगीर अली भी फेक न्यूज के जाल में फंस गए हैं. उन्होंने कहा,

"मैंने एक खबर देखी है जिसमें लिखा था कि यूपी और बिहार के लोग 20 मार्च तक अपने घरों को वापस चले जाएं. 21-22 मार्च के बाद तमिलनाडु में दिखे तो उन्हें मार दिया जाएगा."

आलमगीर 12-13 साल से चेन्नई में रह रहे हैं. आलमगीर ने कहा, "मैं 2009-10 से यहां रह रहा हूं. अभी के माहौल के कारण, मैं घर वापस जा रहा हूं. मेरे परिवार वाले परेशान हो रहे हैं. वे मुझे घर वापस आने के लिए कह रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ महीनों बाद वापस चले जाना. मेरे कई साथी वापस जाने की योजना बना रहे थे लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिला है, इसलिए वे नहीं आ सके. मुझे मेरी मां ने यात्रा के लिए कुछ पैसे भेजे थे."

जोधपुर, हैदराबाद, कोयम्बटूर जैसे अलग-अलग स्थानों से कई असंबंधित वीडियो शेयर किए जा रहे हैं और उन्हें तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी श्रमिकों पर हमले के रूप में फैलाया जा रहा है.

मैंने प्रवासी मजदूरों से पूछा कि क्या उन्होंने इन खबरों को वेरिफाई किया है या उत्पीड़न या मारपीट की ऐसी कोई घटना देखी है. उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने खुद वीडियो की पुष्टि नहीं की है लेकिन वे डरे हुए हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने स्वयं कुछ भी नहीं देखा था.

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बिहार के सीतामढ़ी जिले के दिनेश चेन्नई में एक चाय की दुकान पर काम करते हैं. उन्होंने कहा,

"मौजूदा हालात के बारे में मैंने कुछ लोगों से बात की है. उन्होंने कुछ वीडियो भेजे हैं. और वीडियो देखकर हम थोड़े डरे हुए हैं क्योंकि वीडियो में दिख रहा है कि किसी के साथ मारपीट कर उसकी हत्या की जा रही है.”

एक दूसरे प्रवासी मजदूर ने बात करते हुए कहा,

"हम यहां काम कर रहे हैं लेकिन कुछ भी गलत होते नहीं देखा है. मैं एक बस कंडक्टर हूं. बहुत से लोग, जिन्होंने लौटने की योजना बनाई थी, डर के कारण वापस नहीं आ रहे हैं. उनमें से कुछ ने अपने टिकट रद्द कर दिए. यहां के कर्मचारियों का कहना है कि वे घर जाना चाहते हैं, लेकिन मैं उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि यहां कुछ भी गलत नहीं है. मैं जगह-जगह घूम रहा हूं, और सब कुछ ठीक लग रहा है."

मेरे साथ अपनी बातचीत में आलमगीर ने दोहराया कि प्रवासियों ने खुद न ऐसी मारपीट देखी है और न ही ऐसी किसी घटना का सामना किया है.

"मेरे कई तमिल दोस्त हैं. हम साथ में बाइक पर घूमते फिरते हैं. मेरे साथ कुछ कभी गलत नहीं हुआ है.
आलमगीर

तमिलनाडु सरकार फेक न्यूज पर एक्शन ले रही है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बयान में कहा, "तमिलनाडु सरकार और आम लोग हमारे प्रवासी भाइयों की रक्षा के लिए खड़े होंगे." मंगलवार 7 मार्च को सीएम प्रवासी श्रमिकों से बात करने भी निकले थे. हमें उम्मीद है कि इससे प्रवासी श्रमिकों के मन से डर और तनाव कम होगा.

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