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मुंबई में कोविड वेस्ट प्लांट से सेहत को खतरा

मुंबई के COVID वेस्ट प्लांट से स्थानीय लोगों को तकलीफ, उनका कहना है- ‘सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.’

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Maharashtra Pollution Control Board) से गोवंडी (Govindi) के निवासियों की अपील है कि वो धुएं के जहर से मुक्ति दिलाएं. इसलिए यहां के लोगों ने हस्ताक्षर के साथ एक नोटिस भी भेजा है.

ये प्लांट 2007 से हैं, करीब 13 साल हो गए, आजतक ये मामला NGT में फाइल नहीं हुआ लोग आते हैं, प्रदर्शन करते हैं चले जाते हैं. सरकार कहती है कि हम बंद कराएंगे, 2018 में स्टेट बोर्ड ने प्लांट को बंद करने का नोटिस जारी किया हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी, वो मामला चल रहा है लेकिन मामला सुलझा नहीं.

धुएं का बहुत ज्यादा असर होता है धुएं से लोगों में टीबी, अस्थमा, कैंसर ब्लड कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं 

इससे बहुत ज्यादा तकलीफ है हमलोग यहां गाड़ियां खड़ी करते हैं रात में और अक्सर ठंड के मौसम में ये धुआं जमीन पर पानी की तरह तैरता है.

गाड़ियों के ऊपर जमा हो जाता है घरों की तरफ हवा का रुख रहता है तो घरों में धुआं जाता है और बर्तन काले पड़ जाते हैं, जितनी जल्दी हो सके इसे बंद कराए.

ये लोग किसी चीज की रिपोर्ट भी नहीं देते हैं, मैंने इनकी सालाना रिपोर्ट देखी है. इन्होंने ये भी नहीं बताया कि NOx कितना पैदा हो रहा है केमिकल्स सीधा असर कर रहे हैं, डाइऑक्सिन और फ्यूरिन जो सबसे ज्यादा हानिकारक हैं, इसकी वजह से इम्यून से संबंधित बीमारियां हो रही हैं

जन्म सही से नहीं हो पा रहा है ये लोग ऐसा दावा करते हैं कि CPCB और MPCB के जरिए हमलोगों का रिकॉर्ड मेंटेन है अभी हमने इसके लिए RTI भी डाला है देखते हैं कि उसपर क्या रिपोर्ट देखने को मिलता है.

वायु प्रदूषण एक्ट 1981 के सेक्शन 4 के जरिए स्टेट बोर्ड बनाया गया है. गाइडलाइंस फॉलो करने के बाद अथॉरिटी मिलती है, मैं स्टेट बोर्ड से पूछना चाहता हूं कि ये जो काला धुआं है, आप अथॉरिटी हैं, आपको लोगों को संभालना है लोगों की सेवा और सिक्योरिटी आपके हाथ में है वहां पर आप लोगों को धोखा दे रहे हैं,
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यहीं बात हमने राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से की है. आदित्य ठाकरे को भी हम कहना चाहते हैं कि आप सीधे तौर पर MPCB को अथॉरिटी दीजिए. कड़े कदम उठाइये इसको NOC कब मिला? अथॉरिटी कैसे मिली?

ये कॉन्ट्रैक्टर्स हैं, इनके पास NOC है ये स्क्रबर का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो हमें इसका पूरा समाधान जानना है. हमलोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सेक्शन-14 के तहत तुरंत मामला दर्ज कर रहे हैं.

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