ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिमाचल प्रदेश: 'डिजिटल इंडिया' ढूंढने ये बच्चे रोज 3 KM चलते हैं

Himachal Pradesh: छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा करने के लिए करना पड़ रहा संघर्ष

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मार्च 2020 में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) को आज 15 महीने से ऊपर हो चले हैं. इसी बीच हिमाचल प्रदेश के कोटगा गांव (Kotga Village, Himachal Pradesh) के बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी आ रही है. खराब नेटवर्क और इंटरनेट की धीमी रफ्तार इन बच्चों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

ये गांव शिमला से 8 घंटे की दूरी पर है. समुद्री तल से लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस गांव में 3G - 4G जैसी कनेक्टिविटी भी उपलब्ध नहीं है. इसके कारण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं. अगर उन्हें स्कूल का काम डाउनलोड करना होता है, तो बच्चे 3 किलोमीटर दूर जाकर ये काम कर पाते हैं.

हमारे घर पर नेटवर्क नहीं आता है, हम घर पर ही बैठ कर पढ़ नहीं सकते. इसके लिए हम यहां (गांव के बाहर) आए हैं. फिर यहां से अपना काम डाउनलोड कर के घर जाएंगे.
निकुंज शर्मा, तीसरी कक्षा के छात्र
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बच्चों के माता-पिता को भी हो रही भारी परेशानी

सिर्फ बच्चे ही नहीं, हम अभिभावक भी काफी परेशान हैं क्योंकि यहां नेटवर्क नहीं मिल पाता है. घर का काम किसी तरह निपटा कर हम बच्चों के साथ नेटवर्क ढूंढने निकलते हैं. कई बार हम बच्चों का काम वक्त पर नहीं पूरा करा पाते.
मिथलेश कुमारी, स्थानीय, कोटगा

स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द ही उनके क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की व्यवस्था दुरुस्त की जाए. ताकि उनके बच्चे घर पर रह कर ऑनलाइन स्कूल अटेंड कर पाएं.

सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×