वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
मैं हमेशा सोचता हूं कि ये जिम्मेदारी किसकी है? कौन है जो कचरा फैलता है? क्या इसकी जांच होनी चाहिए? या हमें सिर्फ उन्हें ही जिम्मेदार मानना चाहिए जिनका ये काम है कि कचरा साफ करे और शहर को स्वच्छ रखें? इस मामले में मैं सिर्फ सरकार को जिम्मेदार नहीं मानता, मैं समझता हूं कि ये हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम शहर को साफ रखें.
इस सोच के साथ मैंने ये निर्णय लिया है कि अब सफाई की जिम्मेदारी मेरी भी है, मैं और मेरे दोस्तों ने मिलकर ये निर्णय लिया है कि हम रोहिणी सेक्टर 18 को साफ करेंगे और साफ रखने की कोशिश करेंगे. ये हमने 19 मई 2019 को निर्णय लिया. उसके पहले हमने MCD को, सरकार को, कई बार सफाई को लेकर शिकायतें की लेकिन किसी ने हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद हमें लगा कि हम सरकार को जिम्मेदार क्यों ठहरा रहे हैं? ये हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र को साफ रखें.
मैं कई बार सुनता हूं कि क्षेत्र की सफाई के बाद उसका वापस वही हाल हो जाता है, गंदगी फिर हो जाती है. लेकिन जो लोग ये कहते हैं, वो ये नहीं समझते हैं कि सरकार को शिकायत करने से भी पहले ये जिम्मेदारी हमारी है कि हम साफ-सफाई रखें.
हमने इस चीज के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है. हम उसके जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं ताकि वो भी अपने क्षेत्र को साफ रखने की जिम्मेदारी समझें. अगर वो हमें देख कर जागरूक होते है तो ये बहुत अच्छी बात होगी.
हम क्लीनिंग ड्राइव इंस्टाग्राम, ट्विटर पर शेयर करते हैं और लोग इसे देखते हैं. वो हमें मेसेज करते हैं कि वो हमसे कैसे जुड़ सकते हैं.
देश को स्वच्छ रखने के लिए और क्या कदम उठाये जा सकते हैं?
मैंने कभी सरकार पर उनकी मदद न करने को लेकर आरोप नहीं लगाया है. लेकिन क्षेत्र में सफाई बरकरार रखने के लिए अगर थोड़ी मदद उनसे भी मिल जाती है तो अच्छा होगा.
जैसे हमारे पास दस्ताने और सफाई में लगने वाली चीजों की कमी है, हमें कचरा कंधो पर उठा कर ले जाना पड़ता है, ये हमारी सबसे बड़ी कमी है कि कई चीजों और व्हीकल की कमी है. अगर सरकार सिर्फ ट्रांसपोर्ट की भी मदद करेगी तो इससे हमारी काफी परेशानियां कम हो जाएगी.
‘स्वच्छ भारत’ के लिए जागरूकता अभियान लगातार चलाते रहने की जरूरत है. लोग अपनी मर्जी से हमारे पास आते हैं. कोई नरेला से आता है कोई सोनीपत से भी आता है, अगर वो लोग दूसरे क्षेत्र में जाकर सफाई कर सकते हैं तो वो अपने क्षेत्र को भी साफ रख सकते हैं. मैंने वृक्षित नाम से एक फाउन्डेशन बनाया है, ये एक NGO है जो सफाई और पर्यावरण के लिए काम करती है.
सरकार को पर्यावरण की तरफ ध्यान देने की जरूरत है. बिना पर्यावरण पर ध्यान दिए विकास का भी कोई मतलब नहीं है, कल को हमारे आगे वाली जेनरेशन हमसे ये सवाल पूछेगी कि हमने अपने पर्यावरण को बचाने के लिए क्या काम किया, तो हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और उसके लिए काम करना होगा.
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