ADVERTISEMENTREMOVE AD

DU: लॉ छात्रों को उस गलती की सजा, जो उन्होंने की ही नहीं

DU स्टूडेंट्स: लेट एडमिशन के कारण नहीं मिली UGC स्कॉलरशिप

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता/संदीप सुमन

वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) SC/ST समुदाय के बच्चों, इकलौती लड़की , अल्पसंख्यक, फर्स्ट रैंक होल्डर्स और कुछ आरक्षित छात्रों को कई स्कीम के जरिए स्कॉलरशिप देती है.

महामारी की वजह से दिल्ली यूनिवर्सिटी के 2020-21 के फैकल्टी लॉ के करीब 500 छात्रों की नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर फॉर्म जमा करने में देरी हुई.

NSP यानी नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 20 जनवरी 2021 थी और हमारी क्लास 25 जनवरी से शुरू हुई. छात्र बताते हैं-

फॉर्म में सबसे जरूरी कॉलम भरने का था हमारा रोल नंबर का, हम अपना रोल नंबर कैसे दे सकते हैं जब तक हमारी एडमिशन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई.
सौरभ राय, फर्स्ट इयर के छात्र, डीयू

स्कॉलरशिप से छात्रों को काफी मदद मिलती है, दिल्ली जैसी जगह में रहने के लिए 4,500 रुपये की रकम हमारी काफी मदद कर सकती है ताकि हमारे महीने का गुजरा हो सके.

कई छात्र स्कॉलरशिप के जरिए ही अपनी आगे की पढ़ाई कर पाते हैं, महामारी के चलते हमारे लेक्चर क्लास से ऑनलाइन क्लास में बदल गए और कॉलेज बंद हो गए, इसकी वजह से हमें अपने रिजल्ट को लेकर भी काफी कंफ्यूजन हुआ, हमारी फॉर्म भरने की आखिरी तारीख भी चली गई

अगर मुझे ये स्कीम का लाभ नहीं मिलता है या मैं फॉर्म नहीं भर पाता हूं तो मुझे LLB से अपना दाखिला वापिस लेना होगा, क्योंकि मेरे पास पढ़ाई पूरी करने के पैसे नहीं हैं.
दिनेश चंद मीना, फर्स्ट इयर के छात्र, डीयू

नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लास (NCBC) ने हमारे इस मुद्दे को लेकर UGC में लेटर भेजा है. छात्रों ने UGC को मामले की गंभीरता समझाने के लिए बात की है ताकि वो NSP वापस खोल दे ताकि हम फॉर्म भर सकें, ताकि एक भी योग्य छात्र इससे वंचित न रह जाए, ये हमारे करियर का सवाल है.

(द क्विंट ने UGC से बात करने की कोशिश की है और उनके जवाब का इंतजार है, जवाब आने पर कॉपी को अपडेट किया जाएगा)

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×