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किन्नौर भूस्खलन के चश्मदीद बता रहे तबाही की पूरी कहानी

Kinnaur Landslide ने ली 9 लोगों की जान, चश्मदीदों से सुनिए तबाही के उन पलों का अनुभव

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मैं 25 जुलाई 2021 का दिन कभी नहीं भूल सकता. वो मेरी जिंदगी का सबसे भयानक दिन था. किसी आम रविवार की तरह ही हम अपना काम कर रहे थे, मैं बस्तेरी (Basteri, Kinnaur) के होटल में एक अकाउंटेंट हूं, ये हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा गांव है.

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हम अपना काम कर रहे थे और करीब दोपहर 1 बजे जब मैं खाना खा रहा था तब एक जोर की आवाज सुनाई दी और वो आवाज बहुत देर तक सुनाई देती रही, मैं खाना छोड़ बाहर देखने गया कि आवाज कहां से आ रही है.

मुझे मेरी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर नीचे की तरफ आ रहे थे, जब तक मैं कुछ समझ पता तभी मैंने देखा कि एक मिनी बस पहाड़ों से गिरते पत्थरों की चपेट में आ गई.

जैसे ही भूस्खलन रुका मैं और मेरा एक दोस्त मौके पर पहुंचे, ब्रिज पूरी तरह टूट चुका था, मिनी बस तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल था.

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हम पानी में चल कर उस बस तक पहुंचे, बस के पास का पानी लाल था. बदकिस्मती से 9 सैलानियों की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए थे. जिसमें से एक बस्तेरी के ही रहने वाले थे.

मुझे थोड़े वक्त में पता चला कि ये सैलानी हिमाचल प्रदेश के चिटकुल से वापस आ रहे थे और जब वो यहां पहुंचे तो भूस्खलन की चपेट में आ गए.

मैंने और मेरे दोस्त ने ITBP के जवानों की जितनी मदद कर सकते थे की. हमने भी बचाव कार्य में उनका पूरी तरह साथ दिया.

इस भूस्खलन में जो ब्रिज टूट गया वो बस्तेरी गांव को किन्नौर से जोड़ता है, और इसके टूट जाने से यहां के लोगों के लिए काफी परेशानी खड़ी हो गई है. ब्रिज की दूसरी तरफ कई मवेशी फंस गए थे हमने उन्हें भी वहां से निकालने की कोशिश की.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है, जिसे क्विंट पेश करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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