ADVERTISEMENTREMOVE AD

My Report: फ्लैट खरीदारों का दर्द, पजेशन मिला, रजिस्ट्री नहीं

बिल्डर ने कैनरा बैंक से लिया 104 करोड़ रुपये का लोन, इसलिए अटकी खरीदारों की रजिस्ट्री

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी

15 सितंबर को फरीदाबाद के सेक्टर 87 की 'SRS रॉयल हिल' सोसाइटी के फ्लैट खरीदारों ने SRS रियल एस्टेट और केनेरा बैंक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है. 2014 में फ्लैट हैंडओवर किए जा चुके हैं लेकिन कई बार कहने के बाद भी बिल्डरों ने अभी तक उन्हें रजिस्ट्री नहीं दी है.

इसका कंस्ट्रक्शन 2007 में शुरू हुआ था और करीब 1500 परिवारों ने या 5 हजार निवासियों ने इस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक किया. 2015-2016 में पूरा प्रोजेक्ट बिक गया. खरीदार खुश थे कि उन्हें पजेशन मिल गया लेकिन वो बिल्डरों से ये पूछते रहे कि उन्हें रजिस्ट्री कब तक मिल जाएगी. बिल्डर ने खरीदारों को शुरू में बताया था कि उन्हें (खरीदारों को) एक महीने के अंदर रजिस्ट्री मिल जाएगी. लेकिन कई बार पूछे जाने पर भी काम पूरा नहीं हुआ

2016 में फ्लैट हैंडओवर करने के बाद करीब 200 फ्लैट बिल्डर ने रजिस्टर कर दिए हैं. लेकिन अब तक हमें झूठे वादे किए गए हैं. बिल्डर की लापरवाही के चलते 2017 में फ्लैट खरीदारों ने एक एसोसिएशन बनाया और NCDRC (नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रेड्रेसल कमीशन) में शिकायत दर्ज की.

उस ही साल नवंबर में हम केनरा बैंक से मिले नोटिस को देख कर चौक गए, उसमें लिखा था कि हमें SARFAESI एक्ट के तहत हमें अपने फ्लैट की पजेशन लेनी होगी.

पूछताछ करने के बाद हमें मालूम हुआ कि बिल्डर ने 100 करोड़ रुपये का लोन केनरा बैंक से लिया है जिसे वो चुकाने में असक्षम है. अब बैंक बेचारे घर खरीदारों से अपना पैसा रिकवर करने की कोशिश कर रहा है.

हमने चंडीगढ़ के डेब्ट रिकवरी ट्राइब्यूनल का दरवाजा खटखटाया ताकि हमें स्टे मिल सके. हमने लैंडर बैंक से भी बात की क्योंकि हमने घर के लिए उनसे लोन लिया है. हमें उम्मीद थी कि वो हमारी मदद करेंगे, लेकिन हम असफल हुए.

कई और खरीदार हरियाणा हाई कोर्ट भी गए, कई सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुझाव दिया कि घर खरीदार केनरा बैंक को अपने दस्तावेज दिखाएं, और केनरा बैंक को कहा गया है कि वो घर खरीदारों के दस्तावेजों को देखें और पर्सनल हियरिंग का मौका दें.

सभी निवासियों की पर्सनल हियरिंग हुई है, उस दौरान हमें कुछ डिटेल वेरीफाई करने को कहा गया, NIL बैलेंस लेजर जो हमने प्रजेंट किया था वो मान लिया गया और हमारे सारे ड्यू क्लियर किया जा चुके हैं और अब कोई बैलेंस हमें नहीं चुकाना है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

11 जुलाई 2019 को हमें एक बार फिर धक्का लगा जब DRT का ऑर्डर आया, जिसमें केनरा बैंक को पैसे रिकवर करने की बात कही गई. खरीदारों की अपील सुने बिना DRT चंडीगढ़ ने केनरा बैंक के पक्ष में फैसल सुनाया गया. केनरा बैंक ने अपने पैसे रिकवर करने के लिए NCLT का दरवाजा भी खटखटाया.

SRS रियल एस्टेट लिमिटेड के खिलाफ दो और केस दायर किये गए हैं. बिल्डर अनिल जिंदल को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिब अब हम कहां जाएं? घर खरीदारों को अब अपने सपनों का घर खो जाने का डर है क्योंकि उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है.

(केनरा बैंक ने अब तक इस मामले में पुष्टि नहीं की है)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×