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दिल्ली-NCR की भीषण गर्मी में डिलीवरी बॉय के लिए खाना पहुंचाना कितना मुश्किल?

"इतनी गर्मी में कोई काम नहीं करना चाहता, लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है."

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वीडियो प्रोडूसर: माज़ हसन

वीडियो एडिटर: पुर्णेन्दु प्रीतम

कमरपेर्सन: आर्यन मौर्या

"मैं लू से खुद को बचाने के लिए तीन टी-शर्ट पहन रहा हूं."
राजेंद्र सिंह, फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटिव
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राजेंद्र ने मुझे ये बात तब बताई जब मैं उनसे नई दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के कम्युनिटी सेंटर मार्केट में मिला. वे लंच करने के लिए अपनी बाइक को ही टेबल की तरह प्रयोग कर रहे थे.

दिल्ली-एनसीआरई में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है. भीषण गर्मी में फूड डिलीवरी करने वालों के लिए चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि उन्हें अपने काम की वजह से ज्यादातर समय बाहर रहना पड़ता है.

उन डिलीवरी वालों के लिए, जिन्हें दिल्ली की गर्मी में काम नहीं करना पड़ा है, एक लग्जरी है, लेकिन हर किसी के साथ ऐसा नहीं है. बनवारी सिंह कहते हैं कि, "इतनी गर्मी में कोई काम नहीं करना चाहता, लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है."

बनवारी सिंह ने ओखला के एक रेस्टोरेंट से अपना ऑर्डर लिया और उसे डिलीवर करने के लिए निकलने लगे.

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पिछले कुछ हफ्तों में भीषण गर्मी ने उनके काम को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है. रमेश चौहान ने कहा कि, "हम थक जाते हैं और शरीर में दर्द होने लगता है, लेकिन हम अपनी दवाएं लेते हैं और काम पर लग जाते हैं."

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"पहले, ये बहुत मुश्किल हुआ करता था. अब मैं जल्दी खाना डिलीवर कर देता हूं. पहले मुझे अपना खाना खाने के लिए समय निकालना भी मुश्किल हो जाता था. अब, मैं अपनी डिलीवरी मैनेज कर लेता हूं और खाने के लिए भी समय निकाल लेता हूं."
राजेंद्र सिंह, फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटि

फूड डिलीवरी में काम करने वाले बनवारी सिंह कहते हैं कि "दिल्ली की गर्मी में सीधे सूरज में बाइक चलाना बहुत मुश्किल होता है. दिल्ली का ट्रैफिक इसमें और मुश्किलें पैदा करता है. हम दिन में 12-14 घंटे काम करते हैं. कंपनी ने हमें एक दिन में 33 ऑर्डर डिलीवर करने का टारगेट दिया है."

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"कस्टमर्स का बुरा बर्ताव हमारी परेशानी को और बढ़ा देता है"

जामिया नगर में एक डिलीवरी एक्जीक्यूटिव रमेश चौहान से जब मैं मिला तो मैंने देखा इस भीषण गर्मी में उनके पास डिलीवरी के लिए कई ऑर्डर थे, जिसकी वजह से वह टाइम से पीछे चल रहे थे. एक कस्टमर को समझाने की कोशिश करने के बावजूद कि उनके पास कई ऑर्डर हैं, कस्टमर अपना ऑर्डर जल्दी और प्राथमिकता पर देने के लिए जोर देता रहा.

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"कुछ कस्टमर अच्छे होते हैं. हमारा अच्छे से वेल्कम करते हैं. कुछ कस्टमर हमें गाली देते हैं. वे हमसे गलत तरीके से बात करते हैं. कंपनी हमारी बात नहीं सुनती, कस्टमर की ही सुनती है. चाहें उन्होंने हमें गाली ही क्यों न दी हो. जब हम शिकायत करते हैं, तो वे सोचते हैं कि यह हमारी ही गलती होगी. ऐसे कोई बेवजह हमें गाली देगा तो इससे हमारी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ेगा."
पिल्ले राज, फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटिव

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